
मुंबई। बाजार से लगभग तीन अरब डॉलर जुटाने के लिए वोडाफोन का आईपीओ लाने की योजना का बुरा असर बाजार की जानी-मानी दूसरी अन्य कंपनियों पर पड़ सकता है। साथ ही ये भी माना जा रहा है कि वोडाफोन की इस योजना के तहत आगे चलकर यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है।
वोडाफोन का आईपीओ
यह बात निवेश बैंकिंग कंपनी मैक्वोयरी ने अपनी एक रिपोर्ट में कही। निवेश बैंक ने कहा, “देश के दूरसंचार क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहा है। बाजार 2जी से 3जी और अब 4जी की ओर तेज़ी से अपने कदम बढ़ा रहा है।”
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वोडाफोन का आईपीओ कोल इंडिया के बाद देश का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है और ऐसा माना जा रहा है कि अब इस पर निवेशकों की नजर गड़ी रहेगी।
डाटा की दृष्टि से भारत को माना जा रहा है आखिरी संभावनाशील बाज़ार
साथ ही यह भी माना जा रहा है कि रिलायंस जियो की आगामी लांचिंग से प्रतिस्पर्धा कई गुना बढ़ जाएगी, क्योंकि भारत को डाटा खपत की दृष्टि से इतने विशाल आकार का आखिरी संभावनाशील बाजार माना जा रहा है। इसके कारण विलय और अधिग्रहण की प्रक्रिया भी तेज हो गई है।
भारती एयरटेल और रिलायंस कम्युनिकेशंस तेजी से स्पेक्ट्रम खरीदारी की कोशिश कर रही हैं। मैक्वोयरी ने कहा, “हाल की तेजी, किसी नए सकारात्मक रुझान के अभाव और आगामी 700 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम नीलामी पर आशंका को देखते हुए हमने गत सप्ताह भारती और आईडिया की रेटिंग घटाकर न्यूट्रल कर दी है।”
वहीँ दूसरी ओर बैंक का कहना है कि हम आईडिया की जगह भारती को तरजीह दे रहे हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि आईपीओ पर कई साल से विचार हो रहा है। हाल की रिपोर्ट में भी 2017 के बीच में आईपीओ लाए जाने की संभावना जताई गई है। वोडाफोन हालांकि इसे पहले ला सकती है, क्योंकि 2016 की दूसरी छमाही में जियो की चरणबद्ध लांचिंग के कारण अगले साल बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है।”