लखनऊ। बैंकों का 9000 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाए बिना विदेश भाग जाने वाले शराब व्यापारी विजय माल्या के गारंटर का पता चल गया है। ये गारंटर कोई और नहीं बल्कि ‘मनमोहन सिंह’ हैं। लेकिन एक सच ये भी है कि मनमोहन सिंह पूर्व प्रधानमंत्री नहीं एक किसान हैं। जी हां, माल्या के लोन गारंटर के तौर पर पीलीभीत के एक किसान मनमोहन सिंह अब कानूनी झमेले में फंस गए हैं।
विजय माल्या के बैंक गारंटर
अंग्रेजी अखबार टीओआई के मुताबिक, पीलीभीत के नाद स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में दो खाते हैं। बुधवार को जब वह अपने एकाउंट से टांजैक्शन करने गए तो बैंक की ओर से उन्हें जानकारी दी गई कि उनके दोनों खाते सीज कर दिए गए हैं। वहीं जब उन्होंने खाते सीज करने का कारण पूछा तो बैंक के मुंबई स्थित क्षेत्रीय ऑफिस से एक मेल आया। इस मेल में उन्हें किंगफिशर के मालिक विजय माल्या का गारंटर बताया गया था। बैंक की मेल के मुताबिक मनमोहन सिंह विजय माल्या की कंपनी में डायरेक्टर भी हैं।
इस पूरे मामले पर मनमोहन सिंह का कहना है कि उन्होंने आजतक विजय माल्या को सिर्फ टीवी और अखबारों में ही देखा है। मनमोहन ने यह भी बताया कि उनके एक खाते में 12 हजार और दूसरे खाते में 5 हजार रुपए थे। इससे पहले उनके किसी एकाउंट से किसी भी तरह का कोई बड़ा लेन-देन भी नहीं हुआ है। बैंक मैनेजर ने बताया कि ईमेल की पुष्टि के लिए क्षेत्रीय ऑफिस ने भी एक मेल भेजा था, जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला है।
वहीं दूसरी तरफ, पीलीभीत के मामूली किसान मनमोहन सिंह का कहना है कि उनके पास सिर्फ 14 बीघे की जमीन है। उन्होंने कहा कि वह आज तक विजय माल्या से कभी मिले तक नहीं तो उनके गारंटर कैसे बन सकते हैं। उन्होंने इस पूरे प्रकरण पर बैंक मैनेजर से न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन इस पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई है।