सच साबित हुई सुषमा की भविष्यवाणी, स्मृति के खिलाफ रची गई थी साजिश
नई दिल्ली। हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या वाले मामले में नया खुलासा हुआ है।
इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित जांच पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में सामने आया है कि रोहित वेमुला दलित नहीं था।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रोहित अनुसूचित जाति का नहीं था।
यह भी पढ़ें : घाटी के हालात का जायजा लेने आज कश्मीर जाएंगे राजनाथ सिंह
मानव संसाधन मंत्रालय ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के पूर्व जज ए.के. रूपनवाल के नेतृत्व में एक पैनल ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूसीजी) को इसी महीने के पहले हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपी।
पूर्व एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने इस एक सदस्यीय पैनल का गठन किया था।
यह भी पढ़ें : अब यूपी के गांव को छोटा पाकिस्तान बनाने का एलान, तिरंगा फेंक लहराये हरे झंडे
रोहित वेमुला को लेकर सुषमा स्वराज ने किया था दावा
इस मामले में केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और थावरचंद गहलोत ने भी रोहित के अनुसूचित जाति का न होने का दावा किया था। दोनों ने कहा था कि रोहित अनुसूचित जाति से नहीं बल्कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से था और तब रोहित की जाति वाडेरा बताई गई थी।
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अप्पा राव और केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ रोहित की आत्महत्या के मामले में SC/ST एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई थी।