रोज पूजा करने से पहले करें ये काम, पूरी होंगी सारी ख्वाहिशें

पूजा करते वक्त हिंदू धर्म में हर दिन, व्रत और त्योहार की पूजा विधि-विधान से की जाती है. ऐसी मान्यता है कि यदि सही विधि-विधान से पूजा की जाए तो उसका फल जल्दी मिलता है. जब भी घर में किसी बड़ी पूजा का आयोजन होता है तो पूजा हमेशा पंडित से करवाई जाती है ताकि कोई चूक और विधि अधूरी न रह जाए. लेकिन रोज पंडित से पूजा कराना संभव नहीं है इसलिए रोज पूजा करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

किसी भी तरह की पूजा करने से पहले संकल्प जरूर लेना चाहिए. पूजा से पहले यदि संकल्प ना लिया जाए तो उस पूजन पूरा फल नहीं मिल पाता है. मान्यता है कि इसके बिना की गई पूजा का सारा फल इंद्र देव को मिल जाता है. पहले संकल्प लेना चाहिए, उसके बाद पूजा करनी चाहिए.

संकल्प लेने का अर्थ यह है कि हम इष्टदेव और स्वयं को साक्षी मानकर संकल्प लें कि यह पूजन कर्म विभिन्न इच्छाओं की कामना पूर्ति के लिए कर रहे हैं और इस पूजन को पूरा जरूर करेंगे. संकल्प लेते समय हाथ में जल लिया जाता है, क्योंकि इस पूरी सृष्टि के पंचमहाभूतों (अग्नि, पृथ्वी, आकाश, वायु और जल) में भगवान गणपति जल तत्व के अधिपति हैं. इसलिए श्रीगणेश को सामने रखकर संकल्प लिया जाता है. श्रीगणेश की कृपा से पूजन कर्म बिना किसी बाधा के पूरा हो जाए. एक बार पूजन का संकल्प लेने के बाद उस पूजा को पूरा करना आवश्यक होता है.

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इस तरह लें संकल्प

ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णु:, ॐ अद्य  ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीय परार्धे श्री श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे, अष्टाविंशतितमे कलियुगे, कलिप्रथम चरणे जम्बूद्वीपे भरतखण्डे भारतवर्षे पुण्य (अपने नगर/गांव का नाम लें) क्षेत्रे बौद्धावतारे वीर विक्रमादित्यनृपते : 2071, तमेऽब्दे प्लवंग नाम संवत्सरे दक्षिणायने ……. ऋतो महामंगल्यप्रदे मासानां मासोत्तमे ……. मासे …… पक्षे …….. तिथौ ……. वासरे  (गोत्र का नाम लें) गोत्रोत्पन्नोऽहं अमुकनामा (अपना नाम लें) सकलपापक्षयपूर्वकं सर्वारिष्ट शांतिनिमित्तं सर्वमंगलकामनया- श्रुतिस्मृत्योक्तफलप्राप्त्यर्थं मनेप्सित कार्य सिद्धयर्थं श्री ……….. (जिस देवी-देवता की पूजा कर रहे हैं उनका नाम ले)पूजनं च अहं क​रिष्ये. तत्पूर्वागंत्वेन ​निर्विघ्नतापूर्वक कार्य ​सिद्धयर्थं यथा​मिलितोपचारे गणप​ति पूजनं क​रिष्ये.

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