बंगाल में सेना की तैनाती पर राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही स्थगित

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती के मुद्दे पर शुक्रवार को राज्यसभा में हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न हुआ और अंतत: इसकी कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। सरकार ने हालांकि इसे नियमित सैन्य अभ्यास बताया, पर विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया।

कई बार के स्थगन के बाद दोपहर 2.30 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तब भी सदन में हंगामा जारी रहा और विपक्षी सदस्यों ने खूब नारेबाजी की। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार फिर स्थगित कर दी गई।

राज्यसभा में हंगामा

इससे पहले दोपहर 12 बजे से पहले भी सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी, जब विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं चल सका था।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने पश्चिम बंगाल में टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती का विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्य सरकार को इस बारे में पहले से सूचना नहीं दी गई थी।

आजाद ने कहा, “पश्चिम बंगाल में 19 स्थानों पर टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती की गई। इस बारे में मुख्य सचिव, राज्य पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) को कोई सूचना नहीं दी गई। हम इसे समझ नहीं पा रहे हैं।”

आजाद ने कहा, “सेना की कई बार आपात स्थितियों में तैनाती की जाती है, लेकिन बंगाल में कोई आपात स्थिति नहीं है। वहां कानून एवं व्यवस्था की स्थिति अच्छी है। यह सिर्फ एक राज्य सरकार या एक पार्टी के लिए चिंता की बात नहीं है, बल्कि पूरे देश के लिए चिंताजनक है।”

आजाद ने इस संबंध में सरकार से स्पष्टीकरण मांगा और मोदी से भी बयान की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सुखेंदू शेखर रॉय और बसपा प्रमुख मायावती ने भी आजाद का समर्थन किया।

रॉय ने कहा कि यह लोगों के भीतर भय बैठाने का केंद्र सरकार का प्रयास है। मायावती ने इसे ‘देश के संघीय ढांचे पर हमला’ करार दिया।

विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए सरकार ने इसे ‘नियमित अभ्यास’ करार दिया।

रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने एक बयान में कहा, “यह सेना के पूर्वी कमान का नियमित वार्षिक अभ्यास था। इसके लिए पहले 27-28 नवंबर की तारीख निश्चित की गई थी, लेकिन बाद में भारत बंद की वजह से कोलकाता पुलिस के आग्रह पर इसकी तारीख बढ़ा दी गई।”

उन्होंने कहा कि इस सैन्याभ्यास का उद्देश्य राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में इस्तेमाल किए जा सकने योग्य वाहनों की संख्या का पता लगाना था।

हालांकि, विपक्षी सदस्य सरकार के इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और इस मुद्दे पर सरकार द्वारा भ्रमित करने का आरोप लगाया और नारेबाजी जारी रखी।

वे ‘मोदी तेरी हिटलरशाही, नहीं चलेगी, नहीं चलेगी’ के नारे लगा रहे थे। ऐसा करते हुए वे सभापति की आसंदी के करीब पहुंच गए, जिसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2.30 बजे तक स्थगित कर दी। इसके बाद कार्यवाही शुरू होने पर भी जब हंगामा शांत नहीं हुआ तो उन्होंने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

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