
लखनऊ।
कोरोना वायरस के मद्देनजर देशभर में 14 अप्रैल तक घोषित लॉकडाउन के चलते गरीब मजदूरों को उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पर मनरेगा योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में राज्य के 27.15 लाख श्रमिकों के बैंक खातों में सीधे 611 करोड़ रुपये भेज दिए हैं. इसके साथ ही सीएम योगी ने बहराइच, वाराणसी, सोनभद्र और देवरिया के 4 श्रमिकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की और उन्हें योजना की जानकारी भी दी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना से आतंकित हैं, उस वक्त ग्राम्य विकास विभाग और भारतीय स्टेट बैंक ने मिलकर एक साथ प्रदेश के 27 लाख 15 हजार से अधिक मनरेगा मजदूरों के खातों में 611 करोड़ की राशि भेजी है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि देश को कोरोना महामारी से बचाने और देश के उत्तम स्वास्थ्य, सुरक्षित भविष्य के लिए लॉकडाउन की कार्रवाई के साथ ही एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज घोषित किया गया है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण पलायन कर रहे मजदूरों की स्थिति को देखकर सहज अनुमान लगा सकते हैं कि इस धनराशि का मजदूरों के लिए क्या महत्व है. वास्तव में आर्थिक स्वावलम्बन की ओर अग्रसर करने में स्वरोजगारपरक इन योजनाओं की बड़ी भूमिका है.
लॉकडाउन में भी लापरवाही लोग लगा रहे सरकार के नियमों नें पलीत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत सरकार उन्हें प्रतिमाह तीन महीने तक एक किलो दाल व ‘उज्ज्वला योजना’ के अंतर्गत रसोई गैस के सिलेंडर सभी परिवारों को तीन माह तक निःशुल्क उपलब्ध करवाने की भी कार्रवाई कर रही है. प्रदेश सरकार ने भी 80 लाख से अधिक मनरेगा श्रमिकों के लिए निःशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि 80 करोड़ गरीबों को पूरे देश में इन योजनाओं से लाभान्वित करने की दिशा में आज का यह कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जनधन योजना’ में जिन महिला लाभार्थियों के खाते हैं, उन सभी को 500 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त धनराशि मिलेगी. इसके अलावा वृद्धावस्था, निराश्रित महिला व दिव्यांगजन पेंशन में भारत सरकार एक हजार रुपये प्रतिमाह उन्हें तीन माह तक उपलब्ध कराएगी.