
दिल्ली। दो हजार के नोट ने इतिहास रच दिया है। इसकी शुरुआत धरती पर भारत से शुरू हुई और पहुंच मंगल तक हो गई। मजे की बात यह कि इसके पीछे भी मोदी मैजिक चला है।
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक दो हजार के नए नोट पर पीछे की तरफ मंगलयान बना है। यह चिह्न भारत की तरक्की को दर्शाता है। साथ ही यह मेक इन इंडिया का प्रतिरूप भी है।
खबरों के मुताबिक जब 2000 के नोट के रंग-रूप पर बात शुरू हो तो सबसे पहले इसके मुख्य चिह्न पर सवाल उठा। विशेषज्ञों ने तमाम विकल्प दिए, लेकिन आखिरकार मंगलयान पर सभी एकमत हुए।
2000 के नोट पर मंगलयान का आइडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही था। दरअसल, मोदी इसरो के बड़े फैन हैं। इसरो ने ही मंगलयान लॉन्च किया था। उस मौके पर प्रधानमंत्री ने इसरो को बधाई भी दी थी। यह अभियान महज 450 करोड़ रुपए में पूरा हो गया था।
यहां दूसरा मौका है, जब किसी भारतीय नोट पर अंतरिक्ष यान की तस्वीर दिखी है। इससे पहले साल 1975 में भारतीय सेटेलाइट ‘आर्यभट्ट’ को दो रुपए के नोट पर जगह दी गई थी।




