महात्मा गांधी के पौत्र कानु रामदास गांधी का निधन
सूरत। महात्मा गांधी के पौत्र और नासा के पूर्व वैज्ञानिक कानु रामदास गांधी का सोमवार शाम एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके एक सहयोगी ने यह जानकारी दी। कानु की उम्र 87 साल थी। उनकी पत्नी का नाम शिवालक्ष्मी है। उनकी कोई संतान नहीं है।
कानु पूरी दुनिया में अपने बचपन की उस तस्वीर की वजह से भी जाने जाते थे जिसमें उन्हें 1930 में ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह में दांडी गांव तक निकाली गई यात्रा में महात्मा गांधी की लाठी को पकड़कर उन्हें आगे ले जाते देखा जा सकता है। यह तस्वीर अनगिनत संग्रहालयों में आज भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है।
महात्मा गांधी के पौत्र कानु के गहरे मित्र धीमंत बधिया ने बताया कि 22 अक्टूबर को कानु को दिल का दौरा पड़ा था और मस्तिष्काघात हुआ था। इसकी वजह से उनके शरीर का बायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था। वह कोमा में चले गए थे।
तीन साल पहले अमेरिका से भारत लौटे
फिलहाल कनुभाई की एक बहन जो बंगलुरु में रहती हैं, उनकी तबीयत खराब होने पर सूरत आई हुई थीं। कनुभाई सूरत के पार्ले प्वाइंट पर राधाकृष्ण मंदिर के संतनिवास में रह रहे थे। कनुभाई तीन साल पहले अमेरिका से भारत लौट आए थे. कनुभाई शुरुआत में दिल्ली, वर्धा, नागपुर के बाद मरोली गांधी आश्रम में रहे थे। इसके बाद वो सूरत के एक वृद्धाश्रम में भी कुछ महीना रहे, लेकिन फिर दिल्ली चले गए।
पंजाबी समाज ने किए थे इंतजाम
हालांकि पिछले तीन महीनों से वो सूरत के राधाकृष्ण मंदिर में रह रहे थे। यहां उनके साथ उनकी पत्नी भी रहती थीं. उन्हें किसी भी चीज की कोई कमी ना आए इसके लिए सभी तरह के इंतजाम पंजाबी समाज की ओर से किए गए थे।