मदर्स डे स्पेशल : जानिए इस दिन की शुरुआत की खास वजहें

मदर्स डेलखनऊ। किसी बेटे या बेटी की में सबसे ज्‍यादा अहमियत उसकी मां रखती है। जीवन के पहले दिन से ही मां अपने बच्‍चों के लिए कितने रोल निभाती है। वह जन्मदाता और पेरेंट के तौर पर हमारी हर जरूरत का ध्यान रखती है। सबसे अच्छी दोस्त बनकर अपने बच्‍चों के सुख बढ़ाती और दुख बांट लेती है। बच्‍चों के लिए मां कभी टीचर बन जाती है तो कभी शेफ! वैसे तो मां के सम्‍मान के लिए कोई खास मौका नहीं होता आप जब चाहें तब मां का आदर और सत्‍कार कर सकते हैं लेकिन फिर भी दुनिया ने मां के आदर और सम्‍मान के लिए मई माह के दूसरे रविवार को विशेष बना दिया है। इस दिन को दुनिया भर में धूमधाम से मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। आखिर कहां से आया ये मदर्स डे का आइडिया?

मदर्स डे स्‍पेशल

मदर्स डे ग्राफटन वेस्ट वर्जिनिया में एना जॉर्विस द्वारा सभी मांओं और उनकी ममता के लिए तथा विशेष रूप से पारिवारिक और उनके परस्पर संबंधों को सम्मान देने के लिए आरंभ किया गया था। यह दिवस अब दुनिया के हर कोने में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है। इस दिन कई देशों में विशेष अवकाश घोषित किया जाता है।

कुछ विद्वानों का दावा है कि मां के प्रति सम्मान यानी मां की पूजा का रिवाज पुराने ग्रीस से आरंभ हुआ है। कहा जाता है कि स्य्बेले ग्रीक देवताओं की मां थीं, उनके सम्मान में यह दिन मनाया जाता था। बताया जाता है कि यह दिन त्योहार की तरह मनाने की प्रथा थी। एशिया माइनर के आस-पास और साथ ही साथ रोम में भी वसंत के आस-पास इदेस ऑफ मार्च 15 मार्च से 18 मार्च तक मनाया जाता था।

यूरोप और ब्रिटेन में मां के प्रति सम्मान दर्शाने की कई परंपराएं प्रचलित हैं। उसी के अंतर्गत एक खास रविवार को मातृत्व और माताओं को सम्मानित किया जाता था। जिसे मदरिंग संडे कहा जाता था। मदरिंग संडे फेस्टिवल, लितुर्गिकल कैलेंडर का हिस्सा है। यह कैथोलिक कैलेंडर में लेतारे संडे, लेंट में चौथे रविवार को वर्जिन मेरी और ‘मदर चर्च’ को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। परंपरानुसार इस दिन प्रतीकात्मक उपहार देने तथा मां का हर काम परिवार के सदस्य द्वारा किए जाने का उल्लेख मिलता है।

सबसे पहला मदर्स डे

अमेरिका में सर्वप्रथम मदर्स डे प्रोक्लॉमेशन जुलिया वॉर्ड होवे द्वारा मनाया गया था। होवे द्वारा 1870 में रचित “मदर डे प्रोक्लामेशन” में अमेरिकन सिविल वॉर (युद्घ) में हुई मारकाट संबंधी शांतिवादी प्रतिक्रिया लिखी गई थी। यह प्रोक्लामेशन होवे का नारीवादी विश्वास था जिसके अनुसार महिलाओं या माताओं को राजनीतिक स्तर पर अपने समाज को आकार देने का संपूर्ण दायित्व मिलना चाहिए।

1912 में एना जॉर्विस ने सेकंड संडे इन मई फॉर ‘मदर्स डे’ को ट्रेडमार्क बनाया और मदर डे इंटरनेशनल एसोसिएशन का गठन किया।

चाइना का मदर्स डे

चीन में मदर्स डे बेहद लोकप्रिय है और इस दिन उपहार के रूप में गुलनार के फूल सबसे अधिक बिकते हैं। 1997 में चीन में यह दिन गरीब माताओं की मदद के लिए निश्चित किया गया था। खासतौर पर उन गरीब माताओं के लिए जो ग्रामीण क्षेत्रों, जैसे पश्चिम चीन में रहती हैं।

जापान में मदर्स डे शोवा अवधि के दौरान महारानी कोजुन (सम्राट अकिहितो की मां) के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता था। आज कल इसे अपनी मां के लिए ही लोग मनाते हैं। बच्चे गुलनार और गुलाब के फूल उपहार के रूप में मां को अवश्य देते हैं।

थाईलैंड में मदर्स डे यहां की रानी के जन्मदिन पर मनाया जाता है। भारत में इसे कस्तूरबा गांधी के सम्मान में मनाए जाने की परंपरा है।