भारत रत्न ने नोटबंदी पर उठाए सवाल, कहा-सरकार कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी

भारत रत्नमोदी सरकार के 500-1000 रुपए बैन के फैसले को नोबेल पुरस्कार विजेता और भारत रत्न प्रोफेसर अमर्त्य सेन निरंकुश कार्रवाई करार दिया है। उन्होंने दावा किया है कि सरकार का यह फैसला आम आदमी के दर्दनाक है। सेन के मुता‍बिक जिनके  पास कालाधन है, वो आराम फरमा रहे हैं। सरकार उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाई है।

भारत रत्न अमर्त्य सेन का दावा

एक इंटरव्यू में प्रोफेसर अमर्त्य सेन ने कहा, ‘आपके पास जो करेंसी नोट है, वो किसी काम का नहीं है। क्या यह बात सुनकर आपको अधिनायकवाद याद नहीं आता है।’ उन्होंने कहा कि सरकार की घोषणा से एक ही झटके में सभी भारतीयों को कुटिल करार दे दिया गया जो वास्तविकता में ऐसा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों को वंचित किया जा रहा है। गुनाहगार मौज काट रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी से कोई सकारात्मक असर नहीं दिखेगा। सरकार का यह कहना कि दर्द के बाद सुकून मिलेगा, बेकार की बात है। सेन के मुताबिक सरकार के दिए इस दर्द से सुकून नहीं मिलेगा।

माना जा रहा है कि अमर्त्य की यह टिप्पणी इसलिए आई है क्योंकि बीते दिनों उन्हें नालंदा विश्वविद्यालय बोर्ड में शामिल नहीं किया गया। वह पहले यूनिवर्सिटी के चांसलर, गवर्निंग बोर्ड के मेंबर रह चुके हैं। इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना के बाद फरवरी 2015 में चांसलर के पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद वह गवर्निंग बॉडी के सदस्य रहे, लेकिन यह पद भी उनके हाथ से निकल गया।

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