जिसकी एक आवाज पर जाग जाती थी देश भक्ति, उसी ने शर्म से झुका दिया भारतीयों का सिर

भारत की पहचानमुंबई। भाजपा के साथ आरएसएस के बढ़ते कदम और पूरे देश में भगवा लहराने की ललक जबरदस्त रुख अख्तियार कर रही है। जहां केंद्र से लेकर यूपी में भगवा परचम लहरा चुका है। वहीं सियासत के गलियारों से बॉलीवुड के सितारों की जुबान पर भी धार्मिकता सवार हो गयी है। गौरतलब है कि हाल ही  बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद से ही ‘जय श्री राम’ और ‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ के नारे लगने का जो सिलसिला बुलंद हुआ, वह अब द्वेष की चिंगारी में बदलता नज़र आ रहा है। ताजा मामले में सोनू निगम का विवादित ट्वीट इस मामले का जीता-जागता उदाहरण है। ऐसे में लोगों का अति उत्साह और आगे निकलने की चाह, कहीं भारत की पहचान न गवां दे।

भारत की पहचान खतरे में…

ख़बरों के मुताबिक़ मशहूर गायक सोनू निगम जिन्होंने कभी देश भक्ति से ओतप्रोत कई गीत गाए, आज उन्होंने मुस्लिमों की आजान के संबंध में एक विवादित ट्वीट किया।

इस ट्वीट में उन्होंने कहा कि मुस्लिम न होने के बावजूद उन्हें आजन सुननी पड़ती है। इस कारण उनकी नींद में खलल भी पड़ता है।

अजान को लेकर लिखे गए इस ट्वीट पर मुस्लिम नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान ने सोनू निगम को नसीहत के अंदाज में कहा है कि वे ऐसे इलाकों में ना रहें जहां कानों में उनके लिए इतनी नागवार आवाज आती हो।

उधर, कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला ने भी सोनू निगम को उनके ट्वीट्स के लिए आड़े हाथ लिया है। शहजाद ने कहा कि क्या सोनू इसके लिए ‘एंटी अजान स्क्वॉड’ बनाएंगे?

बता दें कि सोनू निगम ने सोमवार सुबह एक के बाद एक चार ट्वीट किए थे। पहले ट्वीट में उन्होंने कहा था- ईश्वर सभी पर कृपा करे। मैं मुसलमान नहीं हूं और मुझे अजान सुनकर जागना पड़ा। भारत में कब ये जबरन धार्मिकता खत्म होंगी।

सोनू ने दूसरे ट्वीट मे कहा कि जिस समय मोहम्मद ने इस्लाम धर्म बनाया तब बिजली नहीं थी। फिर एडिसन के (अविष्कार के) बाद क्यों मुझे ये शोर बर्दाश्त करना पड़े।

सोनू ने तीसरे ट्वीट में कहा, ‘मुझे नहीं लगता है कि कोई मंदिर या गुरुद्वारा बिजली का इस्तेमाल उन लोगों को उठाने के लिए करता हो जो उस धर्म का पालन नहीं करते। तो फिर ऐसा क्यों?’

इसके साथ ही सोनू ने अपने चौथे और आखिरी ट्वीट मे कहा- ‘गुंडागर्दी है बस’।

सोनू के इन्हीं ट्वीट्स पर आजम खान ने कहा, ‘वे ऐसे इलाकों में नहीं रहें, जहां कानों में उनके लिए इतनी नागवार आवाज आती है। ऐसे इलाकों से दूर रहें। नाचने गाने वालों को तो ऐसी जगह रहना चाहिए जहां वो अच्छा रियाज कर सकें। अच्छे सुकून की जिंदगी गुजार सकें। दौलतमंद लोग हैं, ऐसी जगह पर रहें जहां भजन, गुरबानी, अजान सुनाई ना दें। नाचने गाने वालों के लिए वैसे भी ऐसी जगह सूट नहीं करते। उन्हें इलाका बदलना चाहिए ऐसी जगह पर नहीं रहना चाहिए।’

इस बीच, महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला ने दिल्ली में कहा- ‘जहां तक मेरा सवाल है मैं अजान से भी जागता हूं, गायत्री मंत्र से भी जागता हूं। अजान हो, जन्माष्टमी की आरती हो, गणेश चतुर्थी में लाउड स्पीकर का इस्तेमाल हो या रोज जो सड़कों पर बारातें निकलती हैं, ये तमाम वो चीजें हैं जो ध्वनि प्रदूषण कानून के खिलाफ हो रही है।

अगर दिशानिर्देशों का उल्लंघन हो रहा है तो समान रूप से कार्रवाई होनी चाहिए। पर चयनात्मक रूप से एक को कटघरे में खड़ा करना और दूसरे के बारे में जिक्र भी नहीं करना, ये सही नहीं है।’

शहजाद ने कहा कि अगर कानून का उल्लंघन हो रहा है तो उसका सभी से सही तरह से पालन कराने का काम प्रशासन का है।

इस मामले में कई लोगों का यह भी मत है कि भारत की पहचान यहां रहने वाली सभी धर्मों के लोगों के कारण ही है।

यदि सोनू जी जैसी मानसिकता भारत के हर नागरिक में आ जाएगी उस दिन भारत अपनी पहचान ही खो देगा।

ज्ञात हो कि पूरी विश्व में भारत ही एक मात्र ऐसा देश हैं जहां एक से अधिक धर्मों के लोग रहते हैं। सभी त्यौहारों को मिलजुल कर मनाते हैं। साथ ही बहुभाषी होने के बाद भी सबके दिल देश के लिए एक साथ धड़कते हैं।

सेना में जवानों की भर्ती किसी धर्म को देख कर नहीं की जाती। देश के लिए मरने वाला जवान जब आतंकियों और दहशतगर्दों की गोली का निशाना बनता है तो वह उससे उसका धर्म पूछ कर नहीं लगती।

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