बिहार की बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए होना चाहिए आधार

नईदिल्ली।बिहार में टॉपर्स घोटाला के बाद धूमिल हुई छवि को बिहार विद्यालय परीक्षाबिहार समिति पाक साफ करने में जुटी है।बिहार में अब बिना आधार कार्ड के किसी भी छात्र को मैट्रिक या इंटर की परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं होगी। बिहार देश का पहला राज्य होगा जहां यह व्यवस्था लागू  की जाएगी।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर के मुताबिक किसी तरह की डूप्लिकेसी को रोकने के लिए बोर्ड ने यह कदम उठाया है। आनंद किशोर का कहना है कि कई बार लोग अपनी उम्र कम कराने के लिए बार-बार मैट्रिक की परीक्षा देते हैं। ऐसे में आधार कार्ड से जब इंरोलमेंट होगा, तो पारदर्शिता रहेगी और फर्जीवाड़े  की गुंजाइश नहीं होगी। इसकी शुरुआत इसी साल मैट्रिक के कंपार्टमेंट परीक्षा से की जा रही है। कंपार्टमेंट परीक्षा अक्टूबर में होनी है, ऐसे में छात्रों के पास आधार कार्ड बनवाने के लिए एक महीने का समय है।

आनंद किशोर ने बताया कि एक क्लिक में छात्र का पूरा प्रोफाइल मिल जाएगा। आधार नबंर जोड़ने के पीछे मुख्य उद्देश्य छात्रों को सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन में होने वाली परेशानियों से बचाना है। साथ ही दूसरे प्रदेशों में नौकरी कर रहे युवाओं के सर्टिफिकेट के वेरिफिकेशन में आधार कार्ड की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि बिहार बोर्ड पारदर्शिता लाने के साथ-साथ फर्जीवाडे पर लगाम लगाने के लिए तकनीक को तवज्जो दे रहा है। इस तकनीक से छात्रों के एडमिट कार्ड, सर्टिफिकेट, प्रोविजनल मार्क्सशीट, माइग्रेशन आदि सभी सर्टिफिकेट डिजिटल लॉक में सुरक्षित रहेंगे।

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