
शनिवार को कर्नाटक में 11 विधायकों के इस्तीफे के बाद एक बार फिर कांग्रेस-जेडीएस सरकार राजनीतिक संकट में फंस गई है। इससे पहले भी तीन विधायक गठबंधन सरकार से नाता तोड़ चुके हैं। इस लिहाज से अभी तक 14 विधायक कांग्रेस-जेडीएस सरकार से किनारा कर चुके हैं।
इन इस्तीफों के बाद अब कर्नाटक सरकार के भविष्य को लेकर अटकलें भी तेज हो गई हैं। हालांकि गठबंधन के पास अभी बहुमत है, लेकिन इस बात की भी चर्चा है कि बहुत जल्द 9 और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसे में अगले सप्ताह से शुरू हो रहे कर्नाटक विधानसभा सत्र तक राज्य सरकार बहुमत बरकरार रख पाएगी या नहीं, यह कहना मुश्किल है।
यानि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या विधानसभा में विश्वास की उठ खड़ी हुई है। अटकलें तो ये भी लगाई जा रही हैं कि सीएम कुमार विश्वास इस्तीफा दे सकते हैं।
सरकार गिरने पर भाजपा पेश कर सकती है दावा
केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने भी पिछले महीने कर्नाटक के राजनीतिक संकट को लेकर एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिरती है तो सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा विकल्प खोजेगी। उन्होंने कहा कि रास्ते में राजनीतिक बाधाएं नहीं आएंगी।
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इस्तीफा देने वाले विधायक
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के जिन 11 विधायकों ने शनिवार को इस्तीफा दिया है उनमें बीसी पाटिल, एच विश्वनाथ, नारायण गौड़ा, शिवराम हेब्बर, महेश कुमाथल्ली, प्रपात गौड़ा पाटिल, रमेश जारकीहोली व अन्य शामिल हैं। इस्तीफा देने वाले 11 में से 10 विधायक बेंगलूरु से मुंबई पहुंचे और उन्हें सोफिटेल होटल में ठहरे हैं।
केंद्रीय नेतृत्व जल्दबाजी में नही
इन घटनाक्रमों के बीच कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के बड़े नेता एक तरफ इस बगावत को थामने में जुटे हैं तो दूसरी ओर भाजपा सरकार गठन की दिशा में एक अवसर मानकर चल रही है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश भाजपा सरकार गठन को लेकर सक्रिय है लेकिन केंद्रीय नेतृत्व वर्तमान हालात में इससे बचना चाहता है।
निलंबित हो सकता है कर्नाटक विधानसभा
चूंकि कर्नाटक के भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा मई, 2018 में सरकार बनाने में विफल रहे और उसके बाद ऑपरेशन लोटस में भी उन्हें अभी तक पूरी तरह से सफलता नहीं मिली है। ताजा घटनाक्रम को भी ऑपरेशन लोटस 4 नाम दिया जा रहा है। इसके बावजूद अभी तक प्रदेश भाजपा ये बताने की स्थिति में नहीं है कि उसके पास बहुमत है।
इसलिए केंद्रीय नेतृत्व वर्तमान सरकार के गिरने की स्थिति में नया चुनाव ही चाहेगा। अगर ऐसा हुआ तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि जम्मू-कश्मीर की तरह कर्नाटक विधानसभा को कुछ समय के लिए निलंबित रखा जाए।
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जेडीएस के एच विश्वनाथ का दावा
जेडीएस से इस्तीफा देने वाले एच विश्वनाथ भी शामिल हैं। विश्वनाथ तीन दिनों पहले तक पार्टी के अध्यक्ष थे। सूत्रों के मुताबिक आठ से नौ विधायक और भी हैं जो बहुत जल्द इस्तीफा दे सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस-जेडीएस की संयुक्त संख्या सौ से भी कम हो सकती है। जबकि भाजपा के पास अकेले दम पर 105 सीटें हैं।
एच विश्वनाथ ने कहा है कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार में 14 विधायक अब तक सरकार के खिलाफ इस्तीफा दे चुके हैं।