बाइडेन को जीताने में था इन भारतवंशियों का हाथ, जानिए जीत के बाद क्या होगा इन का पद

अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनावों में बाइडेन को जीत दिलाने के लिए भारतवंशियों ने कड़ी महनत की थी। अमेरिका के प्रत्येक क्षेत्र में इन भारतवंशियों का असर देखने को मिला। कहा जा रहा है कि अमेरिकी राजनीति में इन भारतवंशियों ने अहम भूमिका निभाई है। ना ही सिर्फ बाइडेन की जीत में बल्कि हर राजनीतिक दल के राष्ट्रपति को जीत दिलाने के लिए इन भारतियों ने कड़ी मेहनत की है। जैसा कि हमने आपको बताया कि जो बाइडेन की जीत के पीछे भारतवंशियों का बड़ा हाथ था जिसके बाद यह आशा है कि बाइडेन इनका पद्दोन्नत कर सकते हैं व एक बड़ा पद भी दे सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि इस बार के राष्ट्रपति चुनावों में किन भारतवंशियों ने अहम भूमिका निभा बाइडेन को जिताया है।

जानकारी के मुताबिक अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान पब्लिक हेल्‍थ और कोरोना वायरस महामारी पर विवेक मूर्ति अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के मुख्य सलाहकार थे। बताया जा रहा है कि चुनावी प्रचार के दौरान मूर्ती बाइडेन को लगातार ब्रीफ किया करते थे। साथ ही उनकी चुनावी रैलियों को कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर आयोजित करने की जिम्मेदारी भी मूर्ती पर थी। मूर्ती की सक्रियता देखते हुए अशंका जताई जा रही है कि इनको बाइडन प्रशासन में हेल्‍थ सिक्रेटरी बनाया जा सकता है। बता दें कि विवेक मूर्ती भारत के कर्नाटक से हैं और इनका जन्म 10 जुलाई 1977 को इंग्लैंड में हुआ था।

मूर्ती जब छोटे थे तो उनके परिजन उन्हें अमेरिका लेकर आ गए जिसके बाद उन्होंनें अपनी शिक्षा अमेरिका से ही ग्रहण की। विवेक मूर्ती एक स्वास्थय सलाहकार हैं। साथ ही वे अमेरिका के 19वें जनरल सर्जन थे। बता दें कि मूर्ती को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मुक्ख डॉक्टर के पद पर रखा था। खास बात तो यह थी कि मूर्ती इस पद पर पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय थे। उस वक्त वह केवल 37 साल के ही थे लेकिन जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बने तो उन्हें उस पद से हटा दिया गया था। लेकिन अब फिर बाइडेन की सरकार में उन्हें एक अच्छा पद मिलने की पूरी उम्मीद है।

LIVE TV