भारत को मिली सबसे बड़ी ताकत, 30 साल बाद झुकेगा चीन

बड़ी ताकतनई दिल्ली। भारत को बड़ी ताकत मिल गई है। भारत और अम‍ेरिका के बीच 30 साल बाद कोई रक्षा सौदा हुआ है। इसके तहत भारत 5000 करोड़ रुपए देकर अमेरिका से 145 एम-777 हल्की होवित्जर तोपें खरीदेगा। इस सौदे पर गुरुवार को आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए।

बड़ी ताकत है होवित्जर

होवित्जर तोपें अरुणाचल प्रदेश के उंचाई वाले क्षेत्रों और चीन की सीमा से लगे लद्दाख के क्षेत्र में तैनात की जाएंगी। इससे भारत की सैन्य क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। बता दें कि 1980 में हुए बोफोर्स घोटाले के बाद से भारत और अमेरिका के बीच किसी तरह का रक्षा सौदा नहीं हुआ था। सौदे पर यहां शुरू हुई भारत-अमेरिका सहयोग समूह (एमसीजी) की दो दिवसीय बैठक में हस्ताक्षर किया गया।

होवित्जर तोपों की खासियत

इनका रेट ऑफ फायर 2 राउंड/मिनट (2आरपीएम) से लेकर 5 राउंड/मिनट (5आरपीएम) है। यानी एम 777 एक बार में ज्यादा गोला-बारूद दाग सकती है।

बोफोर्स की मारक क्षमता 27 किलोमीटर है जबकि एम 777 होवित्जर बदलाव के साथ 40 किलोमीटर तक मार कर सकती है।

होवित्जर ऑटोमैटिक है। इसमें लगे सेंसर और रडार पहाड़ों के पीछे छिपे दुश्मनों को ढूंढकर गोले बरसाने की काबिलियत रखते हैं।

होवित्जर के आने से करगिल और द्रास सेक्टर जैसे पहाड़ी इलाकों में भारतीय सेना को काफी मजबूती मिलेगी।

4 हजार किलो वजन वाली होवित्जर एम777 तोप को गोला दागने के बाद अपनी जगह छोड़ने में सिर्फ 2 से 3 मिनट लगते हैं।

इस तोप को कहीं भी लेकर जाना बेहद आसान है। इसे हेलिकॉप्टर से भी बेहद आसानी से ऊंची पहाड़ियों पर ले जाया जा सकता है।

होवित्जर नई 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर को और ताकतवर बनाएंंगी। इस कोर में 2021 तक 90 हजार सैनिक शामिल होंगे। इसपर भारत सरकार 70 हजार करोड़ रुपया खर्च करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया मिशन के तहत इन 145 होवित्जर तोपों को तीन साल के दौरान भारत में ही बनाया जाएगा।

 

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