पीएम मोदी के इस फैसले से किसानों को हो रहा बड़ा फायदा
रायपुर| छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे पांच दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेले में रविवार को एक हजार से ज्यादा किसानों के साथ पहुंचे मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की चर्चा करते हुए कहा कि यह योजना किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करती है। उन्होंने कहा, “किसानों के हित की योजनाएं धरातल से निकलकर बननी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने खेती-किसानी की हालत सुधारकर किसानों को खुशहाल बनाने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए उन्होंने ऐसी योजनाएं शुरू की है, जो इस लक्ष्य को पूरा करने में पूरी तरह सफल साबित होगी। इस योजना में हर तरह की प्राकृतिक आपदा को कवर किया गया है।”
कृषि मंत्री ने कहा, “मेले में खेती के आधुनिक तौर-तरीकों की जानकारी दी जा रही है। किसानों को इसका लाभ मिलेगा और वे खेती के जरिए अधिक से अधिक आमदनी प्राप्त कर सकेंगे। इस ²ष्टि से राष्ट्रीय कृषि मेला छत्तीसगढ़ के किसानों की आमदनी दोगुनी करने में जरूर सफल होगा।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य दिया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सब मिलकर काम करेंगे। इसके लिए खेती के साथ-साथ उद्यानिकी, पशुपालन और मछलीपालन को जोड़कर संयुक्त कार्ययोजना बनाने की जरूरत है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अच्छा काम हुआ है।”
उन्होंने कहा कि मेले में किसानों को एक तरह से उन्नत तरीके से खेती करने के लिए प्रशिक्षण मिल रहा है। उन्होंने मेला स्थल पर आयोजित किसानों की पाठशाला की विशेष रूप से तारीफ करते हुए कहा कि विषय विशेषज्ञों के साथ किसानों को रूबरू चर्चा करने का अवसर यहां मिल रहा है।
बिसेन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मछली बीज उत्पादन और मछलीपालन के क्षेत्र में अच्छा काम हुआ है। छत्तीसगढ़ धान उत्पादन के मामले में भी देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।
उन्होंने रविवार को राष्ट्रीय किसान मेले में मुख्य अतिथि की आंसदी से छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि विभाग की ‘आत्मा’ योजना के तहत छह जिलों के 46 किसानों को अनाज, दलहन-तिलहन, फल-फूल, पशुपालन और मछलीपालन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्यो के लिए प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार राशि (चेक) भेंटकर सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
उम्मीद की जानी चाहिए कि इस राष्ट्रीय किसान मेले के बाद कोई किसान आत्महत्या करने को विवश नहीं होगा।