फौजियों के खून का सौदा चुनाव जीतने के लिए सही नहीं, पीएम मोदी चलें वाजपेयी की राह
नई दिल्ली। पीएम मोदी ने अभी हाल ही पाक के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करी जिसकी चारों ओर बड़ाई की जा रही है लेकिन जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने सर्जिकल स्ट्राइक पर हो रही सियासत को लेकर बड़ा बयान दिया है। वह कहते हैं कि आज चुनाव जीतने के लिए हम फौजियों का खून बेच रह हैं और सौदा कर रहे हैं। लेकिन फौजी किसी हुकूमत का नहीं है, फौजी हिंदुस्तान का है।
सर्जिकल स्ट्राइक होना जरूरी था और वह एक अच्छा कदम था, लेकिन पुंछ में वह कहते हैं कि आज मैं मोदी जी से ये कहना चाहता हूं कि अगर वो वाजपेयी जी को लीडर मानते हैं तो उनकी राह पर क्यों नहीं चलते।
फौजी किसी पार्टी का नहीं है, वह पूरे देश का है। अटल बिहारी वाजपेयी की फॉरेन पॉलिसी की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा- ‘वाजपेयी जी ने कहा था दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं बदले जा सकते। अगर मोदी वाजपेयी को नेता मानते हैं तो उनकी नीतियों पर क्यों नहीं चलते?
राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी पर जवानों के खून की दलाली करने का आरोप लगाया था। जिस पर काफी विवाद हुआ। इससे पहले, फारूक के बेटे और राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी पिछले महीने ट्विटर पर बीजेपी की सर्जिकल स्ट्राइक पर सियासत करने को लेकर आलोचना की थी।
विभाजनकारी ताकतों से सतर्क रहने की सलाह देते हुए वह कहते हैं कि फारूक का यह बयान सबजियान और चांडक पर रहने वाले लोगों के साथ मुलाकात करने के एक दिन बाद सामने आया है। मुलाकात के बाद फारूक ने राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-बीजेपी अलायंस की कड़ी आलोचना की थी।
पीडीपी ने साउथ कश्मीर में सीटें हासिल करने के लिए बीजेपी के विरोध को लेकर झूठ बोला था। नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ ने लोगों को वॉर्निंग दी थी कि वह विभाजनकारी ताकतों से सतर्क रहें, ये शासन करने में बुरी तरह विफल रही हैं।