
लखनऊ। यूपी कानून व्यवस्था को लेकर भले ही विपक्षी दल योगी सरकार पर तमाम सवाल उठा रहो। लेकिन, बीते नौ वर्ष के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि तमाम संगीन आपराधिक घटनाओं में साल दर साल कमी देखी गयी है। इतना ही नहीं, अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही में भी इस साल रिकॉर्ड बना। गुंडा अधिनियम, गैंगस्टर अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अपराधियों के खिलाफ इस साल सबसे अधिक कार्यवाही की गयी।

सरकार ने कहा कि प्रदेश को अपराधमुक्त बनाने हेतु कृतसंकल्पित उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से लूट के मामलों में वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2020 में 65.29% की कमी दर्ज की गई।
अपराधियों में कानून का डर पैदा करने हेतु सरकार द्वारा सतत अभियान चलाए जा रहे हैं। सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि प्रदेश में हत्या के मामलों में वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2020 में 26.43% की कमी दर्ज की गई।सरकार के प्रयासों से फिरौती के लिए अपहरण मामलों में वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2020 में 54.55% की कमी आई।

महिला सुरक्षा को समर्पित मुख्यमंत्री आदित्यानाथ द्वारा लिए गए कड़े फैसलों के परिणामस्वरूप वर्ष 2013 की तुलना में वर्ष 2020 में 25.94% की कमी दर्ज की गई।
अपराध के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के परिणामस्वरूप प्रदेश में डकैती के मामलों में वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2020 में 74.50% की कमी दर्ज की गई।
कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाये रखने के लिए यूपी में इस वर्ष जनवरी से अब तक 139 आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गयी है। इनमें से गोकशी के अंतर्गत 76 आरोपियों, बालिकाओं के विरुद्ध अपराध के लिए छह आरोपियों, गंभीर अपराध के 37 आरोपियों व अन्य अपराधों को लेकर 20 आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई हुई है।अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस तरह के अपराध के मामले में प्रभावी कदम उठाने तथा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के अन्तर्गत कड़ी विधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं के विरूद्व जघन्य अपराध, गोकशी की घटनाओं, मादक पदार्थो के अवैध कारोबार में लिप्त व्यक्तियों, गम्भीर अपराधों एवं अन्य अपराधों से जुड़े आरोपियों को चिन्हित कर उनके विरूद्व आईपीसी की सुसंगत धाराओं के आलावा रासुका के तहत भी कार्रवाई की गयी है।