पासपोर्ट नियमों में हुए हैं ये बड़े बदलाव, जिनको आपका जानना है बेहद जरूरी

केंद्र सरकार ने पासपोर्ट बनवाने के नियमों को काफी सरल कर दिया है। इससे कई लोगों के लिए पासपोर्ट के लिए आवेदन करने में आसानी होगी और उनको कुछ दिनों में यह मिल जाएगा। फिलहाल ऐसे नौ नियम हैं, जिनमें बदलाव हाल के कुछ दिनों में किया गया है, जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है।

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जन्म तिथि का प्रूफ

पहले पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म तिथि का प्रूफ पता करने के लिए केवल बर्थ सर्टिफिकेट मांगा जाता था। हालांकि अब लोग बर्थ सर्टिफिकेट के अलावा स्कूल का ट्रांसफर सर्टिफिकेट, दसवीं की मार्कशीट, पैन कार्ड, आधार कार्ड, सरकारी आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र और बीमा पॉलिसी को भी दे सकते हैं। हालांकि इन सब में जन्म तिथि का उल्लेख होना चाहिए।

सिंगल पैरेंट या गार्जियन का नाम

पहले आवेदक को माता-पिता दोनों का नाम आवेदन पत्र में देना होता था। लेकिन अब आवेदक केवल माता या फिर पिता अथवा लीगल गार्जियन का नाम दे सकते हैं। अगर आवेदक के माता-पिता का तलाक हो गया है तो वो भी वो किसी एक का नाम दे सकेंगे। इसके लिए उन्हें किसी तरह का प्रूफ भी नहीं देना होना।

एनेक्सचर्स की संख्या में कमी

पासपोर्ट एक्ट 1980 के मुताबिक पहले आवेदन के साथ 15 एनेक्सचर्स लगाने पड़ते थे, जिनमें से कुछ के लिए नोटरी या फिर प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के पास साइन कराना होता था। हालांकि अब इनकी संख्या केवल नौ कर दी गई। अब एनेक्सचर्स ‘ए, ‘सी’, ‘डी’, ‘ई’, ‘जे’ और ‘के’ को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। इसके साथ ही लोगों को केवल सेल्फ डिक्लेरशन देना होगा।

शादीशुदा लोगों को दिया गिफ्ट

विदेश मंत्रालय ने शादीशुदा लोगों को भी पासपोर्ट बनवाने के लिए अब बड़ा गिफ्ट दे दिया है। अब ऐसे लोगों को किसी तरह का मैरिज सर्टिफिकेट या एनेक्सचर ‘के’ नहीं भरना होगा।
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