पापी पादरियों से छुटकारा पाने के लिए पोप फ्रांसिस ने जो किया हिंदू धर्मगुरूओं को भी करना चाहिए
वैटिकन सिटी। पोप फ्रांसिस ने बाल यौन शोषण का मुकाबला करने के लिए वैटिकन में गुरुवार को एक ऐतिहासिक सम्मेलन का शुभारंभ किया। पोप ने वहां कहा कि कैथोलिक चर्च में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विश्व ‘ठोस कदम’ उठाए जाने की उम्मीद करता है। इसके साथ ही उन्होंने शोषण में शामिल दरिंदों को सजा देने के लिए 21 प्रस्ताव दिए हैं।
पोप ने अपनी तरह के प्रथम सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान कहा कि ईश्वर के पवित्र बंदे सामान्य तौर पर निंदा किए जाने का इंतजार नहीं कर रहे, बल्कि वे ठोस और सक्षम उपाय चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘आइए हम उन बच्चों की सुनें, जो न्याय की गुहार लगा रहे हैं।’ पोप द्वारा दिए गए प्रस्ताव के मुताबिक, दोषी पाए जाने पर पादरी को पद से हटा दिया जाएगा, इसके अलावा आरोपी बने रहने तक पादरी की पहचान उजागर न हों इससे संबंधित बातें भी हैं। इसके साथ ही चर्च में लड़की की शादी की न्यूनतम आयु को 14 से 16 करने को कहा गया है।
पोप यौन शोषण की लगातार हो रही घटनाओं से निपटना चाहते हैं। इन घटनाओं से 2018 में दुनिया भर के चर्च प्रभावित हुए। पोप फ्रांसिस (82) बाल यौन शोषण के खिलाफ जागरूकता फैलाना चाहते हैं। सम्मेलन में 114 शीर्ष बिशप को इस बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा, जो बाल यौन शोषण से निपटने के स्पष्ट विचारों के साथ लौटेंगे।
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बता दें कि पोप फ्रांसिस ने कुछ जिन पहले खुद स्वीकारा था कि कैथोलिक चर्च में पादरियों और बिशप ने ननों का यौन उत्पीड़न किया है। पोप फ्रांसिस ने ननों के यौन उत्पीड़न के बारे में एक पत्रकार के सवाल पूछने पर कहा, ‘कुछ ऐसे पादरी और बिशप हैं, जिन्होंने ऐसा किया है।’