पाकिस्तान से आतंकी संगठन हिजबुल ने की गद्दारी, कश्मीर को बताया भारत का अभिन्न अंग
नई दिल्ली। पाकिस्तान के आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का ट्विटर अकाउंट 10 मार्च शुक्रवार की दोपहर को हैक किया गया है। अभी तक यह साफ नहीं है कि इस हैकिंग के पीछे कौन है। हैकर ने हिजबुल के ट्विटर हैंडल से कश्मीरी अलगाववादी और जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन, यासीन मलिक और हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी गालियां दी हैं।
अकाउंट से करीब 12 बजे कई ट्वीट किए गए, इनमें लिखा गया है मैं सबको बताना चाहता हूं यासीन मलिक एक भारतीय एजेंट है। वह कश्मीर के युवाओं को अपने आकाओं की नीयत के हिसाब से गुमराह कर रहा है। उसने लोगों में बेहद नफरत फैला दी है और कई बार लोगों को यह दिखाने के लिए कि वह उनके साथ है, दिखावे के लिए फाइव स्टार जेल जा चुका है। गिलानी भी ऐसे ही स्टंट करके आजाद कश्मीर के लोगों से पैसा इकट्ठा करता है।
वे सबको दिखाते हैं कि वे जेल जा रहे हैं या घर में कैद हैं। वे 5 सितारा सुविधाओं में रहते हैं और लोगों को बताते हैं कि वे ‘कश्मीर’ के लिए पूरा दर्द झेल रहे हैं। हिजबुल के अकाउंट से आगे लिखा गया, गिलानी के बच्चों के बड़े कारोबार हैं और वे बहुत अमीर हैं। गिलानी के पड़पोते भारत सरकार के लिए काम करते हैं, विदेश के हाई सोसायटी के स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ते हैं।
गिलानी जैसे लोग शिक्षा और अच्छी जिंदगी की कीमत जानते हैं और वे अपने परिवार के लिए ऐसा ही करते हैं। मगर जब बात कश्मीर के युवाओं और आम लोगों की आती है तो गिलानी उन्हें प्रदर्शन करने, नारे लगाने और किताबों की जगह पत्थर उठाने को कहता है। वह बहुत शातिर खिलाड़ी है। वह और उसके जैसे लोगों ने ही कश्मीर का यह हाल किया है।
मैं आप सबसे अपील करता हूं कि गिलानी और मलिक जैसे राक्षसों को पहचानिए, उन्होंने मुझे और मेरी संस्था को गुमराह किया है। ये ही कश्मीर में हुई सभी मौतों के जिम्मेदार हैं। मैंने अपना रास्ता पा लिया है, मुझे उम्मीद है कि मेरे कश्मीरी भाई भी अपना रास्ता ढूंढ़ लेंगे।
हैकर ने गिलानी को नवाज शरीफ का ‘गुलाम’ बताया है। उसने लिखा, गिलानी, नवाज शरीफ के हाथों की कठपुतली है जिसने एक बार मुझे और हिज्ब को पैसों और पाकिस्तान में जमीन से खरीदने की कोशिश की थी।
मैं कश्मीर के लोगों से खुलकर गिलानी और मलिक जैसे लोगों की निंदा करने को कहता हूं। बातचीत ही एकमात्र रास्ता है और इंशाअल्लाह कश्मीर में शांति जरूर लौटेगी।