परवेज मुशर्रफ की जुबान पर आया सच, कहा- है आतंकवादी मसूद अजहर… लेकिन   

परवेज मुशर्रफनई दिल्ली पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना के प्रमुख रह चुके जनरल परवेज मुशर्रफ का चौंका देने वाला बयान सामने आया है। इस बयान में उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को आतंकवादी बताया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी माना कि इस शख्स का पाकिस्तान में हुए धमाकों में भी हाथ रहा है।

परवेज मुशर्रफ का चौंका देने वाला बयान

हाल ही में हुई एक नीजी चैनल पर बातचीत में मुशर्रफ ने इस बात का खुलासा किया। लेकिन उनसे अभी तक मसूद को अन्तराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित न किए जाने की वजह पूछे जाने पर उन्होंने चुप्पी साध ली।

मसूद के मामले में जब चीन को शामिल करते हुए प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि चीन को इस मामले में क्यों शामिल किया जाए, जब मसूद अजहर का उनसे कोई लेना-देना नहीं है।

दरअसल अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव लंबित है। लेकिन चीन इसमें यह दावा करते हुए अड़चन डाल रहा कि उसे आतंकवादी साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है। दिल्ली में आज उजागर हुए जासूसी के एक मामले जिसमें पाकिस्तान उच्च आयोग का एक कर्मचारी शामिल है,  इस बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान के पूर्व सैन्य प्रमुख ने आरंभ में इसे नजरंदाज करते हुए कहा ‘मैं इससे अवगत नहीं हूं।’ लेकिन साथ में जोड़ा ‘अगर ऐसा है तो (इसे) बढ़ावा नहीं देना चाहिए।’

ख़बरों के मुताबिक़ मुशर्रफ ने पाकिस्तान सरकार के अंतरराष्ट्रीय मंच पर कूटनीतिक नाकामी को स्वीकार लिया। हालांकि उन्होंने कहा कि इसका ये मतलब नहीं कि पाकिस्तान को हल्के में लेना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान की प्रगति के लिए राजनीतिक नेतृत्व उपयुक्त है या सेना, मुशर्रफ ने कहा कि सेना जब सत्ता में रही है देश में विकास हुआ है। पीओके में आतंकवादी शिविरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ‘मैं नहीं जानता’ कहकर शुरुआत में अनभिज्ञता जाहिर की।

हालांकि, मुस्कराहट के साथ उन्होंने कहा, ‘मैं आपको तब जानकारी दूंगा जब मैं इन शिविरों की गिनती कर लूंगा, जिनके बारे में आप बात कर रहे हैं।’ ‘लक्षित हमले’ और भारत की ताकत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मजबूत सेना के साथ एक परमाणु शक्ति है और उसपर धौंस नहीं जमाई जा सकती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अचानक पाकिस्तान यात्रा और शरीफ के साथ उनकी बैठक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हाथ मिलाना सिर्फ कृत्रिम कदम है, लेकिन औपचारिक समाधान के लिए कुछ ठोस उठाये जाने की आवश्यकता है।

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