
गुड लुक्स और एट्रेक्टिव पर्सनालिटी की दरकार किसे नहीं होती और बात अगर महिलाओं की हो तो वे अपने लुक्स को लेकर बहुत ही ज्यादा संवेदनशील रहती हैं। बिना श्रृंगार के किसी महिला की कल्पना करना बेमानी है। वे दूसरों से बेहतर दिखने की होड़ में तरह-तरह के फैशन करने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती हैं। सौन्दर्य को निखारने में रोजाना कई तरीके के उपाय करना हमारे समाज महिलाओं के लिए आम बात है। पर क्या आपको पता है कि हाथों की खूबसूरती में चार चाँद लगाने वाली अलग-अलग रंगों की जो नेल पॉलिश वे इस्तेमाल करतीं हैं, जाने-अनजाने वो उन्हें किस हद तक नुकसान पहुँचा रही हैं। जी हाँ, नेलपॉलिश है खतरनाक, इसमें हानिकारक केमिकल्स पाये जाते हैं। यह न केवल माँ की सेहत के लिए नुकसानदायी है बल्कि माँ से नवजात बच्चों की सेहत पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है।
नेलपॉलिश है खतरनाक
नेलपॉलिश है खतरनाक अगर इस बात से आप अभी तक अनजान हैं तो जरूरी होगा कि जान लें कि आपके नाखूनों को सुंदर बनाने वाली इस नेलपॉलिश में खतरनाक केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है।
अमेरिका के टाक्सिन्स सब्सटेंस कंट्रोल संस्था में हो रहे एक शोध के आधार पर इस बारे में पता चला है कि नेलपॉलिश से सिर्फ नाखूनों को सजाया ही नहीं जाता है बल्कि ये दिमाग पर भी नकारात्मक असर डालती है।
नेलपॉलिश में मौजूद केमिकल्स शरीर में प्रवेश कर ह्यूमन सिस्टम में गंभीर बदलाव लाते हैं। जो हमारे दिमाग और नर्वस सिस्टम पर सीधे असर डालते हैं।
यह पेट के पाचन और हॉर्मोन सिस्टम में भी गड़बड़ी पैदा करते हैं। यही नहीं नेलपॉलिश का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में जाँच के दौरान ट्रिफेन्यल फॉस्फेट जैसा जहरीला पदार्थ पाया गया।
खास बात यह है कि नेलपॉलिश के लेबल पर इसका कहीं जिक्र नहीं होता। नेलपॉलिश लगाने के 10 घंटे के बाद गले में खराश और सूजन जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। स्किन पर खुजली और जलन अन्य लक्षण हो सकते हैं, इतना ही नहीं इसमें न्यूरो-टॉक्सिन ऐसे जहरीले पदार्थ होते हैं जो सीधे दिमाग पर असर डालते हैं। ये रीढ़ की हड्डी पर भी असर छोड़ता है। नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने वाला अन्य जहरीला तत्व भी नेलपॉलिश में मौजूद रहता है। शोध के मुताबिक अगर कभी आप को ऐसे लक्षण मिलें तो डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए। इसमें पाया जाने वाला सबसे खतरनाक तत्व है फॉर्मेलडेय्डे, जो कार्सिनोजेनिक या कैंसर पैदा करने वाला होता है। इसकी मौजूदगी से कैंसर सेल्स बनते हैं।
इसका सबसे ज्यादा असर शिशु पर होता है नेलपॉलिश में टोल्यून नाम का तत्व होता है। यह मां के दूध में सीधे पहुंच जाता है।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं से यह बच्चे में जाता है। इससे बच्चे के विकास पर सीधा असर पड़ता है।