अब नेताजी के ‘घर’ से निकलेगा गुमनामी बाबा का सच

मुंबई : अब तक नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के गायब होने के रहस्य से पर्दा नहीं उठ सका है. उनसे जुड़े कई दस्तावेजों से भी यह साबित नहीं हो पाया कि प्लेन क्रैश में ही उनकी मौत हुई थी, लेकिन एक बंगाली फिल्म के जरिए यह पता चल सकता है.

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस

खबरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में रहने वाले गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे. उनकी कद-काठी और हाव-भाव नेताजी से मिलते थे. वह उर्दू और रूसी ज़ुबान के अलावा बंगाली, हिंदी और अंग्रेजी बोलते थे.

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नेताजी सुभाषचन्द्र बोस और गुमनामी बाबा

इस फिल्म में उन तथ्यों को कहानी का हिस्सा बनाया जाएगा, जो गुमनामी बाबा के नेताजी होने की तरफ इशारा करते हैं.

फिल्ममेकर अमालन कुसुम घोष इस फिल्म को बनाएंगे, जिसका टाइटल ‘संन्यासी देशोनायक- क्वेस्ट फॉर ट्रूथ एंड जस्टिस है. मशहूर बंगाली एक्टर विक्टर बैनर्जी गुमनामी बाबा की भूमिका में दिखाई देंगे.

 

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अमालन घोष ने कहा, ”गुमनामी बाबा एक संभावना हो सकते हैं. यह बायोपिक नहीं, बल्कि यह डॉक्यु-फिक्शन है. हम किसी संभावना को खारिज भी नहीं कर रहे.” यह फिल्म किसी तरह के निष्कर्ष को नहीं दिखाएगी.

फिल्म की शूटिंग उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के साथ फैजाबाद में भी की जाएगी, जहां 1985 में अपनी मृत्यु तक गुमनामी बाबा रहते थे.

ऐसा माना जाता है कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस 18 अगस्त, 1945 को ताइहोकू विमान हादसे में उनकी मृत्यु हो गई थी.

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