Movie review: लेजेंड नहीं बन पाए माइकल मिश्रा
फिल्म- द लेजेंड ऑफ माइकल मिश्रा
क्रिटिक रेटिंग- 2 स्टार
स्टारकास्ट- अरशद वारसी, अदिति राव हैदरी, कायोज ईरानी और बमन ईरानी
डायरेक्टर- मनीष झा
प्रोड्यूसर- किशोर अरोड़ा और शरीन मंत्री केडिया
संगीत- मीत बदर्स अन्जान
अवधि- 2 घंटा 05 मिनट
सर्टिफिकेट- U
द लेजेंड ऑफ माइकल मिश्रा की कहानी
यह फिल्म बिहार के बैकग्राउंड पर बेस्ड है. माइकल मिश्रा (अरशद वारसी) एक किडनैपर है. माइकल बिना सोचे- समझे किडनैपिंग करता है. फिल्म में जब वह वर्षा शुक्ला (अदिति राव हैदरी) से माइकल की मुलाकात होती है तो उसे वर्षा से प्यार हो जाता है. वर्षा की वजह से माइकल जेल चला जाता है और उसे काला पानी की सजा मिलती है. कहानी में काफी उतार-चढ़ाव है.
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डायरेक्शन- फिल्म की स्क्रिप्ट कमजोर दिखाई पड़ी है. कॉमेडी भी सही तरह से ऑडियंस को कनेक्ट नहीं कर सकी. डायरेक्टर ने बिहार को भरपूर दिखाने की कोशिश की है.
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अभिनय- अरशद वारसी और अदिति राव हैदरी ने एक्टिंग ठीक रही है. एक बार फिर बमन ईरानी अपने अभिनय से गुदगुदाया और साथ ही उनके बेटे कायोज ईरानी ने भी अच्छा काम किया है.
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संगीत- फिल्म में मीत ब्रदर्स का अच्छा संगीत है. ‘अंखियों से लिखे लव लैटर’ सांग बेहतरीन है.
क्यों देखें- अरशद वारसी के फैन हैं तो देखने जा सकते हैं.
क्यों न देखें – वक़्त बचाने के लिए.