
बहराइच। घाघरा नदी का कहर रुकने का नाम नही ले रहा है। शनिवार को जलस्तर में काफी गिरावट आने के बावजूद घाघरा की विशालकाय लहरें गोलागंज व कायमपुर के खेती योग्य भूमि को काट रहीं है। गांव वाले सुरक्षित स्थान के लिए पलायन कर रहे हैं। कायमपुर व गोलागंज का आधे से अधिक हिस्सा घाघरा की कटान में समा रहा है।
घाघरा के मुहाने पर बसे गांवों बौंडी, पिपरा, कपरवल, तारापुरवा, सिलौटा, छत्तरपुरवा में दहशत का माहौल है। महसी तहसील के बौंडी इलाके के ग्राम पंचायत गोलागंज व कायमपुर की दर्जनों बीघे कृषि योग्य भूमि को घाघरा ने बीते चार दिनों में निगल लिया है।
बौंडी के किनारे घाघरा नदी पर बना स्पर नंबर एक सीधे तौर पर घाघरा के निशाने पर आ चुका है। लोग भीषण कटान से सहमें हुए हैं। दर्जनों बीघे खेती योग्य भूमि को नदी में समाते देख किसान व्याकुल है। अब तक गोलागंज के ननकउ की पांच बीघे, अवधेश सिंह की चार बीघे, ज्वाला प्रसाद की सात बीघे, पेशकार की 30 बीघे, त्रिभुवन की चार बीघे, अमर की चार बीघे, मनमोहन की चार बीघे, शिव नारायण की चार बीघे, मूले की 20 बीस बीघे, कमला प्रसाद की तीन बीघे, बुधई की छह बीघे, रामेशुर की पांच बीघे, राम कुमार की तीन बीघे, अक्षयबर की छह बीघे व गुलाब की छह बीघे जमीन घाघरा की लहरों की भेंट चढ़ चुकी है।
शनिवार को तहसीलदार महसी उमाशंकर त्रिपाठी के निर्देशन में राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची टीम ने गांव का दौरा कर बेलहा-बेहरौली तटबंध के उत्तर कटान पीडि़तों को जमीन आवंंटित की है। राजस्व टीम के चकबंदी लेखपाल निकेत तिवारी, राजस्व लेखपाल विनोद श्रीवास्तव, गोलागंज ग्राम प्रधान ओमकार सिंह आदि ने पीडि़तों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।