मोदी सरकार का खौफ, पिता से भी नहीं मिल सका जाकिर नाइक
नई दिल्ली। मोदी सरकार का खुद पर शिंकंजा कसता देख विवादित धर्म गुरु जाकिर नाइक इतना डरा हुआ है कि वह अपने पिता के इंतकाल की खबर सुनकर भी जाकिर नाइक नहीं आया। जाकिर को डर था कि कहीं गिरफ्तार न हो जाएं। रविवार तड़के उनके पिता का इंतकाल हो गया था।
जाकिर नाइक के पिता का मुंबई में हुआ निधन
रविवार सुबह मुंबई में पेशे से फिजिशियन और शिक्षाविद अब्दुल करीब नाईक का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। वह 87 साल के थे।
विवादित धर्म गुरु जाकिर नाइक के एक सहयोगी ने बताया कि मझगांव स्थित अपने आवास पर तड़के 3.30 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
पिछले कुछ समय से जाकिर नाइक के पिता अब्दुल बीमार थे। इसी इलाके के एक कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। महाराष्ट्र के रत्नागिरी में जन्मे अब्दुल पेशे से डॉक्टर थे। मानसिक स्थास्थ्य पेशेवरों की निजी संगठन बॉम्बे साइकिऐट्रिक सोसायटी के वह 1994-95 में अध्यक्ष भी रहे।
पिता के निधन के बाद जाकिर नाईक उनके जनाजे को कंधा देने भी नहीं पहुंचे। पिता के अंतिम संस्कार में शरीक न होने के बारे में जब जाकिर नाईक के सहयोगी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जाकिर शरीक हो पाने में सक्षम नहीं थे। वे जल्द ही यहां आकर अपने पिता को श्रद्धांजलि देंगे। हालांकि, माना यह जा रहा है कि जाकिर नाईक को इस बात का डर था कि कहीं पुलिस उन्हें गिरफ्तार न कर ले, इस वजह से वे पिता की अर्थी को कंधा देने नहीं पहुंचे।
इससे पहले खबर आई थी कि गृह मंत्रालय ने जाकिर और उनके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के खिलाफ एक नोट बनाया है| इस नोट में आईआरएफ को गैरकानूनी संगठन बताते हुए जाकिर नाइक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई है|