तमिलनाडु के छोटे से शहर तिरुनेल्वेली से ताल्लुक रखने वाली अंबिका को कड़ी मेहनत करने की सीख उनके पिता से मिली। जब वे छोटी थीं तो पिता उनसे कहते थे कि कोई भी काम अगर पूरी ईमानदारी, लगन और अच्छी नियत से किया जाए तो परिणाम हमेशा बेहतर होते हैं। उनकी सीख की वजह से अंबिगा ने जीवन की हर स्थिति को एंजॉय किया।
शादी के बाद अंबिगा ने बच्चे की परवरिश के लिए कुछ समय तक जॉब छोड़कर घर संभाला। उनका मानना है कि कंपनियों में उच्च पदों पर महिलाओं की संख्या इसलिए कम है क्योंकि वे परिवार व कॅरियर के बीच संतुलन नहीं बना पाती हैं। महिलाओं को चाहिए कि वे विपरीत परिस्थितियों को भी अवसर मानें व उसका फायदा उठाएं।
अंबिगा ने अन्ना यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग व अमरीका से मास्टर्स की पढ़ाई करने के बाद करीब दस वर्षों तक मोटोरोला कंपनी में काम किया। इसके बाद उन्होंने म्यू सिग्मा में बतौर चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जॉइन किया और अब कंपनी की सीईओ हैं।
अंबिगा धीरज सीईओ, म्यू सिग्मा: एक बिलियन डॉलर से अधिक टर्नओवर वाली भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनी की सीईओ बनने वाली पहली महिला हैं।