बनिये पर जाट पड़ा भारी ले गया पत्नी के मरने पर पैसे

चौधरी का हिसाब!

एक बै एक चौधरी साहब की लाटरी लाग गी, अर लाटरी भी थोड़ी नहीं, पूरे 50 करोड़ की लागी। पूरे गोहान्ड मै रुक्का पङग्या अर मीडिया आले चौधरी कै पाच्छै पाच्छै चक्कर काटैं। एक मीडिया आला चौधरी कै मुह आगै माईक लगा कै बोल्या, ‘चौधरी साहब। आप नै के बेरा लाग्या के इस नम्बर पै ऐ लाटरी लागै गी?”

चौधरी: जब मैं पहली रात नै सोया तो मन्नै सूपने मैं 8 दिख्या। अर दूसरी रात नै सोया तो सूपने मै 9 दिख्या। मन्नै 8 अर 9 की गुणा करकै 53 नम्बर पै लाटरी लगा दी।
मीडिया आला ( अचम्भे मै ): रै चौधरी साहब। यो के कर्या आप नै। 8 अर 9 की गुणा तो 72 होव सै।

चौधरी: रै बावलीबूच। तेरै हिसाब तै चालदा तो लाग ली थी लाटरी।

जाट से होशियारी मंहगी!

एक जाट के पड़ोस में बनिया रहता था। बनिया की बीवी गुजर गई। जाट ने सोचा बनिया के पास बहुत पैसे हैं, कुछ आमदनी की जाये।

जाट छाती पीटता हुआ बनिये के घर जा कर रोते हुए कहने लगा, “मेरा तुम्हारी बीवी से बहुत प्यार था। मैं उसके बिना कैसे जीऊंगा, मुझे भी इसके साथ जला आओ।”

बनिया हाथ जोड़ कर बोला, “चौधरी दूर- दूर से रिस्तेदार आने वाले हैं। ऐसे मत कर। बहुत बेइज्जती होगी।”

जाट: ठीक है, एक लाख रुपए दे दे, मैं चुपचाप चला जाऊंगा।

बनिये ने एक लाख रुपए दे दिए और जाट खुशी खुशी अपने घर चला गया।

कुछ दिन बाद जाट की घरवाली मर गई। बनिये ने सोचा अब मौका आया है जाट से ब्याज समेत पैसे वापिस लाऊंगा।

बनिया रोता हुआ जाट के घर जा कर बोला, “मेरा और तुम्हारी घरवाली का बहुत प्यार था। मैं भी इसके साथ मरूंगा, मने भी इसके साथ फूँक आओ।”

यह सुनकर जाट अपने लड़कों से बोला, “छोरो, थारी माँ कहे तो करै थी कि मेरा एक बनिये तै प्यार है। अच्छा तो ये ही है वो बनिया, फूँक आओ इस ने भी अपनी माँ के साथ।”

बनिया: चौधरी माफ कर दे। मैं तो मजाक कर रहा था।

जाट: ठीक है, दो लाख रुपये ले आ, वरना लड़के तनै फूकण नै तैयार खड़े हैं।

 

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