चीफ जस्टिस की प्रधानमंत्री को ‘रिमाइंडर’ चिट्ठी, जज एसएन शुक्ला को हटाने का प्रस्ताव लाने को कहा

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिज रंजन गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक और चिट्ठी लिखी है. जिसमें सीजेआई रंजन गोगोई ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज एस एन शुक्ला को पद से हटाने के लिए संसद में प्रस्ताव लाने को कहा है. चीफ जस्टिस गोगोई की ओर से प्रधानमंत्री को ये रिमाइंडर है. पिछले साल जस्टिस दीपक मिश्रा भी प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार के दोषी इस जज को हटाने को कह चुके हैं. भ्रष्टाचार खत्म करने की सरकार की मुहिम के बावजूद जस्टिस शुक्ला के मामले में अब तक कुछ नहीं हुआ है.

साल 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार के एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने जस्टिस शुक्ला के आदेश पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी. तब सीजेआई दीपक मिश्रा ने मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी, सिक्किम हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एस के अग्निहोत्री और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पी के जायसवाल की इनहाउस कमेटी से इन आरोपों की जांच कराई थी.

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा था कि जस्टिस शुक्ला के खिलाफ साफ और पर्याप्त सबूत हैं. उन्हें अविलंब हटाया जाय. 18 महीने यानी डेढ़ साल पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बने इस इनहाउस पैनल ने जस्टिस शुक्ला को बदनीयती से अपने अधिकारों के दुरुपयोग का दोषी मानते हुए इनको पद से हटाए जाने की सिफारिश की थी. जस्टिस शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर एक निजी मेडिकल कॉलेज को दाखिले की समयसीमा बढ़ाने की छूट दी थी.

जस्टिस शुक्ला के इस मनमाने और अनुशासनहीन आदेश पर सुप्रीम कोर्ट के तब के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने गंभीर एक्शन लेते हुए जस्टिस शुक्ला को इस्तीफा देने या स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेने को कहा था, लेकिन जस्टिस शुक्ला ने दोनों में से कुछ भी करने से साफ इंकार कर दिया था. तब भी चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने प्रधानमंत्री से जस्टिस शुक्ला को हटाने के लिए संसद में प्रक्रिया शुरू करने को कहा था, लेकिन कुछ नहीं हुआ.

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गौरतलब है कि शनिवार को सीजेआई रंजन गोगोई के द्वारा प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखे जाने की खबर सामने आई थी, जिसमें उन्होंने देश की अदालतों में लंबित पड़े मुकदमों को निपटारे के लिए जज की संख्या बढ़ाने और हाई कोर्ट के जजों के रिटायर्ड होने की आयु सीमा को 62 साल से 65 साल किए जाने का पीएम को सुझाव दिया था.

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