जो लोग दूसरों की गुप्त खामियों को उजागर करते हुए फिरते हैं वो उसी तरह नष्ट हो जाते हैं, जिस तरह कोई सर्प चीटियों के टीलों में जा कर मर जाता है. Shivani MehrotraJune 28, 2019 - 4:00 am Less than a minute