घर की नींव में खुदाई के वक्त हड्डियों का मिलना, देता है ये सकेंत, जानें शुभ या अशुभ
हमारें जीवन में वास्तु शास्त्र एक अहम भूमिका निभाता है। ये हमें हमारे जीवन में घटित हो रही घटनाओं का मुख्य स्त्रोत होता है। अगर इसका दोष हैं तो इससे हमारे जीवन में हर वक्त नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। वहीं जब हम इसके अनुसार चलते हैं तो जीवन में सुख- समृद्धि बनी रहती है। हमारे घर की नींव भी इसी से जुड़ी है। वास्तुशास्त्र की पुस्तकों में इस बात का जिक्र किया जाता है कि यदि किसी भूखण्ड की नींव खुदाई के दौरान मिट्टी में हड्डियां व कोयला मिले तो वह भूखण्ड बहुत अशुभ होता है। ऐसे प्लॉट पर भवन का निर्माण करने से अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह केवल अंधविश्वास है। क्योंकि इससे आपके आने से पहले ऐसी की घटनाएं हो चुकी होती है जिसका अंदाजा आपको नहीं होता।
ऐसे में नींव की खुदाई करवाने से लेकर उसे भरवाने और पूजन करवाने से संबंधित बातों को ध्यान में रखना अत्यंत जरूरी होता है। तो चलिए जानते है कि नींव भरवाते समय किन बातों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है।
घर की नींव कब भरे
हिंदू चंद्रमास के अनुसार वैशाख, श्रावण, कार्तिक, मार्गशीष और फाल्गुन आदि माह में ही घर का कार्य आरंभ करवाना शुभ रहता है।
इस दिशा से करें नींव खुदाई का आरंभ
घर की नींव की खुदाई ईशान कोण से करें। इसके बाद आग्नेय कोण की खुदाई आरंभ करें। इसे बाद वायव्य कोण तत्पश्चात नैऋत्य कोण की खुदाई करें। इस तरह से खुदाई करवाने के बाद पूर्व, उत्तर, पश्चिम और दक्षिण दिशा की क्रमवार तरीके से खुदाई करें।
बता दें कि हड्डियों व कोयलों वाले भूखण्ड पर घर बनाने से कुछ नहीं होता। सुखद जीवन के लिए बस एक अच्छे वास्तु अनुरूप भूखण्ड का चुनाव करना चाहिए। भूखण्ड की अच्छी तरह साफ-सफाई कर वास्तु अनुरूप भवन बनाना ही महत्वपूर्ण है, बाकी सभी बातें निरर्थक हैं।
नोट- यह खबर अन्य रिपोर्ट के आधार पर लिखी गई है। Live Today इन बतों के सही या गलत होने का दावा नहीं करता।