
आज सोमवार का दिन हैं और आज वही इस सोमवार के दिन गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा हैं. देखा जाये तो पुरे भारत में इस पर्व को बड़े ही हर्षो – उल्लास के साथ मनाया जा रहा हैं।
देखा जाये तो हर तरफ गणेश चतुर्थी की धूम मची हैं। वहीं शहर हो या गाँव हर तरफ गणपति नज़र आ रहे हैं। जहां बस्तर के घने जंगलों के बीच शांति, शीतल वातावरण के बीच उंचे पहाड़ पर ये गणपति विराजते हैं। गणेश की यह मूर्ती लगभग 1100 साल पुरानी है। माना जाता है कि वर्षों पहले नागवंशियों के काल में गणपति की इस मूर्ती को जंगल के 14 किलोमीटर अंदर ढोल के आकार में बनी एक पहाड़ी पर स्थापित किया गया था। तभी से यहां उनकी पूजा होती आ रही है।
संचारी रोग नियत्रंण अभियान का जिले में हुआ शुभारंभ, संवेदनशील जनपदों में श्रावस्ती शामिल
ये तस्वीर ओडिशा के पुरी समुद्र तट का है, जहां मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने गणेश चतुर्थी के मौके पर रेत से ईको-फ्रेंड्ली गणपति बना कर श्रद्धा के साथ-साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने का संदेश दिया है।
दरअसल केवल भारत ही नहीं, दुनिया भर के कई देशों में गणेश चतुर्थी बड़े धूम-धाम से मनाई जाती है। यह तस्वीर इंडोनेशिया के बाली की है, जहां लोग गणपति बप्पा की मूर्ती को सजा-धजा कर पूजा के लिए तैयार हैं।
देखा जाये तो गणेश जी की यह पौराणिक मूर्ती भी इंडोनेशिया में ही स्थापित है। वर्षों पुरानी यह मूर्ति इंडोनेशिया के प्रसिद्ध प्रम्बनन मंदिर में स्थापित है। अपार श्रद्धा के कारण लोग वैसे को साल भर यहां पूजा के लिए आते हैं, लेकिन गणेश चतुर्थी के समय विशेष पूजा के लिए भारी भीड़ लगी रहती है।
श्री गणेश की यह विशाल मूर्ती थाइलैंड की है। गणेश चतुर्थी के दौरान थाइलैंड के गणेशा पार्क में व्यापक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें गणपति के दर्शन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी हुई है।
https://www.youtube.com/watch?v=r128aaccTyo