
चीन से आया कोरोना वायरस दुनिया में अपना आतंक फैला रहा है. भारत भी इस महामारी से अछूता नहीं है और दिन पर दिन कई केस आ चुके हैं जिनमें कई पॉजीटिव निकले, तो कुछ की मौत हो गई. ऐसे में खुद की सफाई और आसपास की सफाई रखना बहुत जरुरी हो गया है. हर कोई थोड़ी-थोड़ी देर में हाथों को धोने की सलाह दे रहा है. लेकिन हाथ न धो पाएं तो लोग अब हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल आज से नहीं पिछले कई सालों से होता आ रहा है. शायद ही आप ये बात जानते होंगे कि इसका इस्तेमाल पिछले 54 सालों से होता आ रहा है.

क्या आप जानते हैं कि हैंड सैनिटाइजर सबसे पहले किसने बनाया था और उसके इस्तेमाल का तरीका दुनिया को बताया था? एक रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे पहले इसे बनाने का आइडिया साल 1966 में अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया के बेकर्सफील्ड शहर में रहने वाली एक महिला को आया था, जिसका नाम ल्यूप हर्नान्डिज था।
ल्यूप नर्सिंग की एक छात्रा थीं। एक दिन अचानक उनके दिमाग में आया कि किसी मरीज के पास जाने से पहले या उसके पास से आने के बाद हाथ साफ करने के लिए साबुन और पानी न हो तो क्या होगा। इसके बाद उन्होंने सोचा कि क्यों न कुछ ऐसा बनाया जाए, जो साबुन से कुछ अलग हो और बिना पानी के भी काम चल जाए, साथ ही उसके इस्तेमाल से कीटाणु भी मर जाएं। ऐसे में उन्होंने एक अल्कोहल युक्त जेल बनाया और उसे अपने हाथों पर रगड़ कर यह चेक किया कि उससे क्या फायदा होता है।
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ल्यूप का अल्कोहल युक्त जेल काम कर गया। उससे कीटाणुओं का भी सफाया हो गया और पानी की तरह उसे सुखाने की भी जरूरत नहीं पड़ी। इस तरह ल्यूप का यह ‘आविष्कार’ धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल गया और बड़ी संख्या में इसका इस्तेमाल होने लगा। आज ल्यूप को बहुत कम ही लोग जानते हैं। उनकी निजी जिंदगी के बारे में तो किसी को भी नहीं पता और न ही कोई ये जानता है कि वो अभी जिंदा भी हैं या नहीं। लेकिन उनका ये ‘आविष्कार’ पूरी दुनिया को फायदा जरूर पहुंचा रहा है।
हाल के दिनों में हैंड सैनिटाइजर की ‘आविष्कारक’ के रूप में ल्यूप हर्नान्डिज का नाम सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। दुनियाभर के लोग उनका शुक्रिया अदा कर रहे हैं, जिनकी खोज की वजह से ही आज लाखों लोगों की जिंदगी बच गई है और आगे भी बचती रहेगी।