कॉल ड्रॉप पर मोबाइल कंपनियों को अल्टीमेटम, अगली बार चेतावनी नहीं कार्रवाई होगी, जियो की खटिया खड़ी
नई दिल्ली। सिन्हा और मोबाइल कंपनियों के बीच मंगलवार को हुई बैठक खासी हंगामेदार रही। सिन्हा ने बाद में बताया कि कॉल ड्रॉप की समस्या के बारे में सीधे बताने के लिए एक नया प्लेटफार्म बनाया जा रहा है जहां ग्राहक अपनी समस्या के बारे में बता सकेंगे। इससे कंपनियों पर दबाव बनाने में आसानी होगी।
अभी तक यह माना जाता था कि देश में मोबाइल टावरों की संख्या कम होने की वजह से काल ड्रॉप की समस्या हो रही है। लिहाजा सरकार ने मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों को एक लाख मोबाइल टावर लगाने का निर्देश दिया था।
टावर निर्धारित लक्ष्य से पहले लगा दिए गए लेकिन कॉल ड्रॉप की समस्या से ग्र्राहकों को निजात नहीं मिली। आज इस मुद्दे पर संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने मोबाइल कंपनियों की जमकर क्लास ली। इन्हें यहां तक धमकी दी गई कि अगर कॉल ड्रॉप की समस्या का समाधान नहीं हुई तो कंपनियों के खिलाफ अन्य कार्रवाई करने में कोई हिचक नहीं होगी।
बैठक में मनोज ने कंपनियों से पूछा कि अभी तक वह टावर नहीं होने का बहाना बनाते थे लेकिन अब तो टावर भी लग गये फिर काल ड्रॉप क्यों हो रही हैं। कुछ कंपनियों ने जब कहा कि लोग टावर लगाने की राह में स्वास्थ्य वजहों का बना कर रोड़ा डालते हैं तो सिन्हा ने उनसे पूछा कि कंपनियों ने आम जनता को इस बारे में जागरूक करने के लिए क्या किया है।
इसका कोई जवाब कंपनियों के पास नहीं था। सिन्हा ने कहा कि जब आप अपनी ब्रांडिंग के लिए अरबों रुपये के विज्ञापन दे सकते हैं तो फिर अपने ही कारोबार से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने वाले विज्ञापन क्यों नहीं दिखा सकते।
वैसे आज की बैठक की एक खास बात यह रही कि रिलायंस जियो की तरफ से अन्य मोबाइल कंपनियों पर कॉल कनेक्ट नहीं कराने का गंभीर आरोप भी लगाये गये। रिलायंस जियो के अधिकारियों ने सिन्हा को बताया कि 8 जुलाई से 28 अक्टूबर, 2016 के बीच दूसरी मोबाइल कंपनियों की तरफ से कनेक्शन नहीं दिए जाने की वजह से 740 करोड कॉल ड्रॉप हुए हैं। इस वजह से कंपनी सरकार की डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को आगे नहीं बढ़ा पा रही है।