जम्‍मू कश्‍मीर में जिहाद की जंग के नाम पर रची जा रही बड़ी साजिश

कश्‍मीर में जिहाद की जंगश्रीनगर। आतंकियों के पोस्‍टर ब्‍वॉय बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में फैला तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा। दरअसल यहां अलगाववादी नेता मामले को शांत नहीं होने दे रहे। ये अलगाववादी नेता कश्‍मीर में जिहाद की जंग के नाम पर आवाम को भड़का रहे हैं। इसी के चलते दो दिन पहले 500 लोगों की भीड़ ने सेना के एयरबेस पर हमला कर दिया था।

कश्‍मीर में जिहाद की जंग

वहीं इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने जम्‍मू कश्‍मीर में सेना बढ़ा दी थी। अब एक तरफ पुलिस और सेना राज्‍य में फैली हिंसा को रोकने में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी पुलिस और सेना के हथियार लूटकर आर्मरी बनाने में लगे हुए हैं। दो दिन पहले भी कुछ विद्रोहियों ने जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस से करीब 75 हथियार लूट लिए थे।

सोमवार को कुलगाम के दमहल हांजी पोरा पुलिस स्टेशन से एक विद्रोही ये हथियार लेकर भाग गया। 70 हथियारों में कुछ ऑटोमेटिक थे तो कुछ सेमी ऑटोमेटिक। मंगलवार को भी सेना से हथियार छीनने के दो अलग-अलग मामले सामने आए।

त्राल में भी एक समूह ने चार कॉन्स्टेबलों पर हमला बोल कर उनसे हथियार छीनने की कोशिश की। हालांकि, पुलिसकर्मियों ने ऐसा होने नहीं दिया। देर शाम करलपुरा पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया। खबरों के मुताबिक हमलावरों का मकसद हथियार चुराना ही था।

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी खबर में बताया गया है कि सीआरपीएफ अधिकारी के मुताबिक सोमवार को दो सीआरपीएफ जवान एक नागरिक को अस्पताल ले जा रहे थे और इसी दौरान विद्रोहियों ने उन पर हमला किया और उनसे हथियार लूटने की कोशिश की गई।

सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश प्रदर्शनकारी हथियार लूट कर उसे स्थानीय आतंकियों तक पहुंचा रहे हैं और इसका इस्तेमाल सेना के खिलाफ हो रहा है। हथियार छीनने की इस तरह की घटनाएं पहली बार जम्‍मू में हो रही हैं। इससे सुरक्षा विशेषज्ञों को आशंका है कि कहीं जम्‍मू में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश तो नहीं रची जा रही।

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