करोड़ों श्रद्धालुओं के स्वागत को आतुर युग-युगीन उज्जयनी
एजेंसी/ उज्जैन : जब गुरू सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि में हो तो सिंहस्थ के योग बनते हैं। ऐसा ही यह संयोग फिर बारह वर्षों बाद आया है। युग – युगीन उज्जयिनी। जिसके भव्य द्वार सम्राट विक्रमादित्य, राजा अशोक, भतृहरि, श्री महाकालेश्वर, कविकुलगुरू कालिदास और ऐसे कितने ही विद्वानों की गाथा का बखान करते हों। आज श्रद्धालुओं के स्वागत में आतुर हैं। बदलते समय के साथ अब यहां पर मोक्षदायिनी मां शिप्रा और पुणयसलिला मां नर्मदा के संगम पर श्रद्धालु स्नान कर पुण्य कमाऐंगे।
श्रद्धालुओं द्वारा पुण्य लाभ के लिए मध्यरात्रि से ही तैयारी की जा रही है। घाट, उज्जयिनी की सड़कें इस भव्य धार्मिक आयोजन के लिए सजकर तैयार हो गई हैं। यूं तो पर्व का मूल स्नान साधु – संतों द्वारा शुक्रवार अर्थात् 22 अप्रैल को किए जाने वाले स्नान से होगा लेकिन पर्व के एक दिन पहले यानि आज मध्यरात्रि से ही श्रद्धालुओं के लिए स्नान चुनिंदा घाटों पर प्रारंभ हो जाएगा।
इन घाटों में त्रिवेणी, गऊघाट, लालपुल, भूखीमाता घाट और नृसिंहघाट श्रद्धालुओं के इंतजार में सजकर तैयार हो गए हैं। इस दौरान बड़े पैमाने पर श्रद्धालु शाम से ही उज्जयिनी में उमड़ेंगे। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु उज्जैन में उमड़ेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उज्जैन के हर कोने पर पूरे इंतजाम कर दिए गए हैं। लोगों के लिए अस्थायी टाॅयलेट निर्मित किए गए हैं।
तो दूसरी ओर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सैटेलाईट टाउन में उन्हें रिफ्रेशमेंट, लोकपरिवहन व अन्य सुविधाऐं उपलब्ध होंगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्न स्थानों पर सैटेलाईट टाउन बनाए गए हैं जिसमें गुजरात और राजस्थान की ओर से आने वाले यात्रियो के ही साथ नागदा – उन्हेल मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सैटेलाईट टाउन माता साढ़ू की वावड़ी, मदरसे के पास बनाया गया है।
इस क्षेत्र के वाहन चालक अपने वाहनों की पार्किंग रंजीत हनुमान और जूना सोमवारिया क्षेत्र में कर सकेंगे। राजस्थान की ओर से आने वाले यात्री और आगर मार्ग से आने वाले यात्री आरडी गार्डी मैडिकल काॅलेज के सामने स्थित सैटेलाईट टाउन से होकर गुजरेंगे। तो दूसरी ओर रंजीत हनुमान और जूना सोमवारिया क्षेत्र में इनके वाहन पार्क होंगे। महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान की ओर से आने वाले और बड़नगर मार्ग की ओर से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहनों को मोहनपुरा सैटेलाईट टाउन से होकर गुजरेंगे।
इस दौरान भूखी माता क्षेत्र में ये अपने वाहन पार्क कर सकेंगे। इन श्रद्धालुओं को यहीं के घाट पर स्नान करने से सुविधा होगी। उत्तर भारत की ओर से और मक्सी रोड़ से आने वाले श्रद्धालु अपने वाहनों को पंवासा सैटेलाईट टाउन से होकर सांवराखेड़ी क्षेत्र में अपने वाहनों को पार्क कर सकेंगे। जो श्रद्धालु महाराष्ट्र, गुजरात, इंदौर और देवास मार्ग से होते हुए उज्जैन पहुंचेंगे।
उनके लिए सांवराखेड़ी सैटेलाईट टाउन बेहतर होगा। ये लोग सांवराखेड़ी क्षेत्र में पार्किंग कर सकेंगे। यहां से श्रद्धालु नवनिर्मित सांवराखेड़ी ब्रिज से होते हुए उजड़खेड़ा, रामघाट, चिंतामन, गउघाट आदि क्षेत्र में पहुंच सकते हैं। यहां से रामघाट की दूरी करीब 500 मीटर है। जो श्रद्धालु देवास मार्ग या उत्तर भारत और दक्षिण भारत की ओर से पहुंचेंगे वे लालपुर और इंजीनियरिंग काॅलेज सैटेलाईट टाउन होते हुए पार्किंग स्थल सांवराखेड़ी पहुंच सकेंगे।
यहां से रामघाट, चिंतामण क्षेत्र लिंक हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं को काफी आसानी होगी। उज्जैन शहर में श्रद्धालुओं को आंतरिक परिवहन के लिए ईरिक्शा, सिटी बस, टाटा मैजिक, आॅटो रिक्शा आदि उपलब्ध होंगे। सिटी बसों में महज 10 रूपए का किराया देकर श्रद्धालु सिंहस्थ क्षेत्र तक पहुंच सकते हैं। इंदौर से आने वाले श्रद्धालुओं को सरवटे बस स्टेंड, भौंरासला आदि क्षेत्रों से बस मिल पाएगी। रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट समेत विभिन्न घाटों पर साधु संतों का स्नान 22 अप्रैल को होगा।
विभिन्न अखाड़ों के साधु – संत अपने क्रम से इन घाटों पर दोपहर करीब 12.30 बजे तक स्नान करेंगे। इसके बाद मध्याह्न में ही श्रद्धालु इन घाटों पर स्नान कर पाऐंगे। बाहर से आने वाले श्रद्धालु शहर में धर्मशालाओं, लाॅज और निजी होटलों में रह सकेंगे। कई ऐसे श्रद्धालु हैं जिन्होंने शहर की होटलें पहले से ही बुक करवा ली हैं। ये भी स्नान आदि का लाभ लेने के लिए जुट गए हैं। यही नहीं इंदौर में भी सिंहस्थ 2016 का प्रभाव देखने को मिल रहा है। पर्यटक यहां आकर ठहर रहे हैं। सिंहस्थ 2016 के लिए श्रद्धालु पहले से ही यहां पहुंच गए हैं। ये श्रद्धालु क्षेत्र के मंदिरों में दर्शन कर पुण्य कमा रहे हैं।