कन्हैया, उमर और अनिर्बान दिल्ली हाईकोर्ट से राहत

कन्हैयादिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जेएनयू स्टूडेंट लीडर कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्या के खिलाफ हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने कन्हैया और अन्य के खिलाफ जेएनयू की अनुशासनिक कार्रवाई पर तब तक रोक लगाई जब तक विश्वविद्यालय के आदेश के खिलाफ उनकी अपनी अपील पर अपीलीय प्राधिकरण निर्णय नहीं कर लेता है।

कन्हैया को बड़ी राहत

नौ फरवरी को जेएनयू में कथित तौर पर देशद्रोह के नारे लगाने के आरोप में इन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इसके विरोध में कन्हैया के अलावा अश्वती ए नायर, ऐश्वर्या अधिकारी, कोमल मोहिते, चिंटू कुमारी, अन्वेषा चक्रवर्ती और दो अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इन छात्रों ने कन्हैया के नेतृत्व में जेएनयू प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल भी शुरू कर दी थी।

पिछले हफ्ते उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्या भी इसी मामले में कोर्ट पहुंचे थे। जेएनयू प्रशासन ने उमर खालिद के खिलाफ 20 हजार रुपए जुर्माना लगाया था। वहीं, अनिर्बान पर जेएनयू कैंपस में घुसने पर पांच साल तक बैन लगा दिया था।

शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट ने कन्हैया से दो टूक कहा कि भूख हड़ताल खत्म करने के बाद आपकी बात सुनी जाएगी। छात्रों से कहिए कि भूख हड़ताल खत्म करें। कोर्ट ने कन्हैया को फटकारते हुए कहा, आप छात्रों के लिए काम करते हैं। आपको छात्रों से कहना होगा कि अपनी भूख हड़ताल खत्म करें। कोर्ट ने कहा कि कानून पर विश्वास करना सीखिए।

इससे पहले दिल्‍ली हाईकोर्ट पहुंचे जेएनू छात्रसंघ के अध्‍यक्ष कन्‍हैया कुमार ने हाईकोर्ट को बताया कि वह छात्रों की हड़ताल समाप्‍त करने को तैयार हैं। लेकिन इसके बदले जेएनयू प्रशासन को भरोसा दिलाना होगा कि वह हड़ताल करने वाले छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। जिसके बाद हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
दरअसल कन्‍हैया ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर जेएनयू प्रशासन द्वारा उस पर लगाए गए 10 हजार रुपये के जुर्माना के निर्णय को रद्द करने की मांग की है। कन्‍हैया पर यह जुर्माना देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में लगाया गया है।
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