आज का पंचांग, आप का दिन मंगलमय हो, 14 सितम्बर 2016, दिन – बुधवार

आज का पंचागबुधवार  के दिन तेल मर्दन (मालिश) करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। (मुहूर्तगणपति)

बुधवार के दिन क्षौरकर्म (बाल – दाढी काटने या कटवाने) और नख काटने से धन की प्राप्ति होती है। (महाभारत अनुशासन पर्व)

बुधवार के दिन गणेशजी की अर्चना करनी चाहिए।

विक्रम संवत् – 2073

संवत्सर – सौम्य तदुपरि साधारण

शक – 1938

अयन – दक्षिणायन

गोल – उत्तर

ऋतु – वर्षा

मास – भाद्रपद

पक्ष – शुक्ल

तिथि – त्रयोदशी रात्रि 03:15 बजे तक तदुपरांत चतुर्दशी।

नक्षत्र- श्रवण प्रातः 08:29 बजे तक तदुपरान्त धनिष्ठा।

योग-  अतिगण्ड दिन में 09:32 बजे तक तदुपरान्त सुकर्मा।

दिशाशूल –  बुद्धवार को उत्तर दिशा और ईशानकोण का दिशाशूल होता है यदि यात्रा अत्यन्त आवश्यक हो तो धनिया का सेवनकर प्रस्थान करें।

राहुकाल (अशुभ) – दिन 12:00 बजे से 01:30 बजे तक।

सूर्योदय – प्रातः 05:53।

सूर्यास्त –  सायं 06:09।

पर्व त्यौहार – प्रदोष व्रत, ।

विशेष- पंचक आरम्भ प्रातः 08:29 बजे से।

मुहूर्त- पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, नामकरण, शिल्प विद्द्या, विपणि व्यापार मुहूर्त।

प्रदोष में व्रत रखकर शिवजी की स्तुति /पूजा /अर्चना करना चाहिए।

त्रयोदशी को वार्ताकी (बड़ा बैगन) का सेवन करने से पुत्रनाश होता है।

कल 15 सितम्बर 2016 दिन गुरूवार को अनन्त चतुर्दशी है, अनन्त चतुर्दशी के दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनन्त चतुर्दशी का व्रत किया जाता है। इस दिन अनन्त के रूप में हरि की पूजा होती है। पुरुषों को दाहिने तथा स्त्रियों को बाएं हाथ में अनन्त रक्षा सूत्र धारण करना चाहिए। अनन्त राखी के समान रूई या रेशम के हल्दी/कुमकुम के रंग में रंगे धागे होते हैं और उनमें चौदह गांठे होती हैं। इन्हीं धागों से अनंत का निर्माण होता है। यह व्यक्तिगत पूजा है, इसका कोई सामाजिक धार्मिक उत्सव नहीं होता। अग्नि पुराण में इस व्रत का वर्णन है। व्रत करने वाले को धान के एक प्रसर आटे से रोटियां या पूड़ी बनानी होती हैं, जिनकी आधी वह ब्राह्मण को दे देना चाहिए और शेष स्वयं प्रयोग में लाना है।

16 दिनपर्यन्त महालक्ष्मी व्रत का षष्ठ दिन – नित्य प्रति निशीथ काल (मध्य रात्रि) में महालक्ष्मी मन्त्र का 8 माला जप करना चाहिए, महालक्ष्मी मन्त्र है- ” ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः ” इस मन्त्र के जप से आर्थिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।। इसके अतिरिक्त श्रीसूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस 16 दिवसात्मक। निशीथकालीन लक्ष्मी पूजन- जप -पाठ आदि से महान आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है।

डा0 बिपिन पाण्डेय

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