आखिर क्या है तहखाने में जमा खजाने की सच्चाई?

download (7)वृन्दावन :
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के तहखाने में जमा खजाने की सच्चाई आखिर क्या है? यह जानने की उत्सुकता आम आदमी के साथ सेवायतों की नई पीढ़ी को भी है।
मंदिर प्रबंधन कमेटी की ओर से इस मुद्दे को बार-बार ठंडे बस्ते में डालने से खजाने की वर्तमान स्थिति के साथ सुरक्षा पर भी मंदिर के सेवायत आचार्य प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी ने सवाल खड़े किए हैं। सेवायत ने वर्तमान कमेटी से ठाकुर बांकेबिहारी की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग की है।
प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी के अनुसार मंदिर के (तोषाखाने) तहखाने में अरबों की संपत्ति होने का अनुमान है। तहखाने को वर्तमान पीढ़ी ने अभी तक नहीं देखा है। उन्होंने बताया कि 1970 के दशक में अंतिम बार तोषखाने के खजाने को खोला गया था। उस समय ठाकुरजी के दैनिक शृंगार संबंधी आभूषणों की एक पेटी भरकर स्टेट बैंक की मथुरा शाखा में भी जमा कराई गई थी।
इसकी लिस्ट तत्कालीन कमेटी और प्रेसीडेंट फतेहलाल गोयल के पास मौजूद थी। उस बक्से में करोड़ों रुपये मूल्य के हीरे, जवाहरात, मोरनी का हार, स्वर्ण आभूषण, रजत मुद्रा आदि रखी हुई हैं। उन्होंने कहा कि 70 के दशक से पूर्व पंचायतसभा इस संपत्ति को समय-समय पर सार्वजनिक करती रही थी।
आचार्य प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी ने मंदिर प्रबंधन से उस बक्से और ठाकुरजी के गर्भगृह के नीचे बने तोषखाने को खुलवाकर प्रभु की संपत्ति को सुरक्षित और संरक्षित करने के साथ ही संपत्ति के ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग भी की है।
100 करोड़ की एफडी, अरबों की अचल संपत्ति
ठाकुर बांकेबिहारी महाराज अरब पति हो गए हैं। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष नंदकिशोर उपमन्यु के अनुसार ठाकुर बांकेबिहारी महाराज की लगभग 100 करोड़ की एफडी अलग-अलग बैंकों में जमा हैं। वृंदावन, राजस्थान के कोटा में अरबों की अचल संपत्तियां हैं।
संवाददाता :- अक्षय कुमार

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