क्राइम… और किताब ने बदल दी मेरी जिंदगी

अनूप सोनीलखनऊ। उनकी कहानी एक ऐसे स्ट्रगलर की है, जिसने जिंदगी का बड़ा हिस्सा एक बेहतर किरदार, एक बेहतर सीरियल या एक फिल्म के इंतजार में लुटा दिया। लेकिन तरक्की की सीढि़यां उन्हें क्राइम से मिलीं और एक किताब से भी। आज नामचीन चेहरा बन चुके अनूप सोनी की जिंदगी बस इन दो शब्दों के ही इर्द-गिर्द घूमती है। लखनऊ आए अनूप ने अपनी जिंदगी इन दो पहलुओं पर शालू अवस्थी से भरपूर बात की।

यह भी पढ़ें : यूपी कांग्रेस प्रभारी बोले- इतनी महिलाएं-बेटियां कहीं नहीं देखी  

एपिसोड के अंत में बुराई की हार

अनूप सोनी कहते हैं कि कुछ लोगों का मानना है कि क्राइम पेट्रोल देखकर कई लोग गलत रास्ते पर चले गए, तो उनके लिए मेरा कहना है कि मैं इसके 1000 एपिसोड होस्ट कर चुका हूं, मेरे ऊपर तो गलत असर नहीं आया। और अगर ऐसा है तो मेरे हिसाब से लोग इसका अंत नहीं देखते। एपिसोड के अंत में हम हमेशा मुजरिम को कटघरे में दिखाते हैं। लोगों को डिसाइड करना है कि उन्हें राम बनना है या रावण।

समाज की मानसिकता को बदलने की जरूरत

अनूप सोनी का मानना है कि आजादी मनाने से पहले हमें उस मानसिकता को मिटाना होगा जो हमें आजाद होने से रोकता है। समाज से दकियानूसी मानसिकता को हटाने की जरूरत है। सड़क पर लड़के लड़की को घूमता देख कोई क्यों उन्हें सिर्फ दोस्त नहीं समझ सकता। लड़के लड़कियो के काम डिफाइन है, जबकि आज के समय में लड़कियां किसी से कम नहीं है।

यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव और उनके मंत्रियों का वेतन तीन गुना, विधायक खाली हाथ

मुम्बई छोड़कर जाने वाला था

अनूप  बताते हैं कि शुरुआत में मैंने  भी स्ट्रगलिंग पीरियड  देखा, 18 साल पहले मैं मुम्बई  आया,दोस्त के साथ रहता था। काम ढूंढने इधर उधर जाना पड़ता था, तब लगता था कि कहाँ फंस  गया, दिल्ली वापस चला जाता हूँ। वहां माँ के हाथ का खाना मिलेगा, मॉर्निंग टी मिलेगी और इधर उधर भागना नहीं पड़ेगा। उस वक़्त मैं डिप्रेशन में चला गया था। तब मैंने एक किताब पढ़ी जिससे मैं डिप्रेशन से बाहर आया। उसमें मैंने पढा कि अगर कुछ अलग करना है ज़िन्दगी में तो हमें सुख सुविधाओं के मोह को छोड़ना पड़ेगा। उसी ने मुझे मुम्बई रुकने में मदद की।

ट्विटर पर मिलता है सपोर्ट

अनूप सोनी कहते हैं कि मुझे सोशल मीडिया में बहुत कॉम्प्लिमेंट्स मिलते हैं, कई लोग ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि क्राइम पेट्रोल का एपिसोड देखकर वो क्रिमिनल बनने से बच गए। लोग यहाँ तक कहते हैं कि एनएसडी से पढ़ने के बाद मैं सिर्फ एंकरिंग तक सिमट गया तो मैं मानता हूं पर क्राइम पेट्रोल से मुझे पहचान मिली है। मैं बेहतर कर रहा हूँ तभी मैं लगातार 6 साल से इससे जुड़ा हूं। अब तो यह हफ्ते के सातों दिन आता है तो मुझे खुद के लिए समय ही नहीं मिल पाता।

LIVE TV