बैंक बना कर ट्रस्ट ने बेरोजगार युवकों व किसानों से हड़पे करोड़ों रुपए

रिपोर्ट – सतीश कश्यप

बाराबंकी  – उत्तर प्रदेश की राजधानी से सटे बाराबंकी जनपद में फर्जी कंपनियों का बोल बाला है। यहां अफसरों की लापरवाही के चलते दर्जनों चिट फण्ड कंपनियां सक्रिय है।

बेरोजगार युवकों

फर्जी बैंक बना कर बेरोजगार नवजवानों को ज्यादा पैसा कमाने और कम समय में लोगों का पैसा दोगुना करने का लालच देकर करोड़ो रूपये की धोखाधड़ी की जा रही है। फर्जी बैंक में जमा पैसा न मिलने से परेशान पीडितों ने पुलिस से न्याय न मिलने पर अब न्यायालय में गुहार लगाई है।

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चिट-फंड कंपनी में फ्राड का ताजा मामला कुर्सी इलाके का है जहाँ विश्वामित्र सोशल एवं एजुकेशन ट्रस्ट के मालिक पी.पी गुप्ता उनके रिश्तेदारों ने बैंक खोल कर लोगों का धन दोगुना करने का लालच दे कर कुछ स्थानीय एजेंट बनाये और 10 से 12 प्रतिशत कमीशन का लालच देकर आसपास के सैकड़ो लोगों से करोड़ो रूपये जमा कराए और उन्हें रुपये के नाम पर विश्वामित्र बैंक नाम का बांड थमा कर करोड़ो रूपये लेकर ऑफिस का शटर बन्द कर फरार हो गए।

धन दोगुना करने का प्रलोभन देकर पैसा जमा कराने वाले पीड़ित एजेंटों का कहना है कि कस्बा निवासी डाक्टर पी.पी गुप्ता, दिलीप गुप्ता उसकी पत्नी सोफिया गुप्ता, बेटे सर्वेश गुप्ता ने बैंक खोल कर हमें दस प्रतिशत मुनाफा देने की बात कह कर हमसे पैसा जमा कराने की नौकरी दी।

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हम लोगों ने सैकड़ो लोगों का पैसा बैंक में जमा कराया। शुरुआती दिनों में सब ठीक-ठाक रहा कुछ वर्ष बीतने के बाद जब करोड़ो रूपये से ज्यादा पैसा जमा हो गया और वापस मांगने पर वो धमकाने लगे। ज्यादा दबाव पड़ने के बाद ट्रस्ट के मालिक पीपी गुप्ता वहां से भाग गए।

 

 

 

 

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