लोकसभा चुनाव से पहले केजरीवाल को लगा एक और झटका, AAP विधायक ने दिया इस्तीफा

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव से पहले एक और बड़ा झटका लगा है. आम आदमी पार्टी के विधायक बलदेव सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. पंजाब के जैतो विधानसभा से विधायक बलदेव सिंह ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपना इस्तीफा भेज दिया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे अपने इस्तीफे में बलदेव सिंह ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी ने अपने मौलिक विचारों और सिद्धांतों को पूरी तरह छोड़ दिया, जिसके चलते मुझे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ रहा है. मुझे पार्टी छोड़ने का दुख है. मैं अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से काफी प्रभावित हुआ था और आम आदमी पार्टी का हिस्सा बनने का फैसला लिया था.’

उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा, ‘मैंने अपने देश और खासकर पंजाब राज्य की सामाजिक-राजनीतिक स्थिति को सुधारने के लिए हेड टीचर की सरकारी नौकरी छोड़ दी थी. मुझे नौकरी छोड़े हुए चार साल का समय गुजर गया. मेरे इस कदम से न सिर्फ मेरे परिवार को परेशानी में डाला, बल्कि इससे मेरा भविष्य भी अनिश्चित हो गया.’

बलदेव सिंह ने केजरीवाल को संबोधित इस्तीफे में कहा, ‘मैंने सिर्फ आपके और आम आदमी पार्टी के बुलंद नारों के लिए यह जोखिम लेना पसंद किया. मेरे जैसे कई पंजाबियों ने सपना देखा था कि आम आदमी पार्टी के आने से पंजाब की स्थिति को सुधार होगा. इसके लिए सभी ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जोरशोर से कोशिश की और पंजाब से आम आदमी पार्टी के चार सांसदों को जिताकर संसद भेजा.’ इससे पहले वरिष्ठ वकील HS फुल्का ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं.

पंजाब के सीनियर नेता एचएस फुल्का ने इस्तीफा देने के बाद कहा था कि उन्होंने 1984 के दंगों के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए आम आदमी पार्टी छोड़ी है. अब उनका लक्ष्य मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को जेल भिजवाना है. उन्होंने कहा था कि सिख विरोधी दंगों के दोषी और पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को जेल भेजवाना उनका असली मिशन था, लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है.

उन्होंने कहा था, ‘अब भी सिख विरोध दंगों के बड़े-बड़े दरिंदे बाहर हैं. मैं सुनिश्चित करूंगा कि कमलनाथ और टाइलटर भी जेल जाएं.’ आपको बता दें कि वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने साल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगा पीड़ितों की कानूनी लड़ाई लड़ी है. सिख विरोधी दंगा मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को पिछले महीने ही दोषी करार दिया गया था.

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फुल्का ने अन्ना हजारे की तरह पंजाब में सामाजिक आंदोलन शुरू करने की भी बात कही थी. उन्होंने कहा था कि कई समाजसेवी जो आम आदमी पार्टी के साथ थे, आज उनसे अलग हैं, बहुत वकील हैं जो मुफ्त में वकालत करते हैं, बहुत डॉक्टर हैं जो फ्री में प्रैक्टिस करते हैं….ऐसे लोगों को साथ मिलाकर फिर से अन्ना हजारे जैसा आंदोलन खड़ा करना होगा.’

उन्होंने कहा कि वे पंजाब से इस संगठन की शुरूआत करेंगे. पंजाब की राजनीतिक बिरादरी में अहम स्थान रखने वाले फुल्का ने कहा कि पंजाब सरकार फेल हो गई है…अब उनकी उम्मीद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से है. फुल्का ने कहा कि उन्हें सब लोग कह रहे हैं कि आप कहीं से भी लोकसभा चुनाव के लिए खड़े हो जाइए, जीत जाएंगे. हालांकि उन्होंने दावा किया कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे.

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