
विपक्षी दलों ने लोकसभा घोषणापत्र को लेकर भाजपा की आलोचना की और आरोप लगाया कि यह एक ‘जुमला पत्र’ है और इसमें मुद्रास्फीति और बेरोजगारी का कोई जिक्र नहीं है।

विपक्षी दलों ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र को लेकर रविवार को भाजपा पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि चुनाव दस्तावेज में किए गए वादे झूठ से भरे हैं और भरोसेमंद नहीं हैं। उन्होंने भाजपा पर घोषणा पत्र में बेरोजगारी और महंगाई को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी बीजेपी के घोषणापत्र से ‘गायब’ हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “भाजपा लोगों के जीवन से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा नहीं करना चाहती है। इंडिया अलायंस की योजना बहुत स्पष्ट है – 30 लाख पदों पर भर्ती और प्रत्येक शिक्षित युवा को 1 लाख रुपये की स्थायी नौकरी।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर निशाना साधा और उन पर ऐसा कुछ नहीं करने का आरोप लगाया जिससे समाज के सभी वर्गों को फायदा हो। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के घोषणापत्र पर भरोसा नहीं किया जा सकता। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टी को भाजपा के घोषणापत्र के नाम ‘संकल्प पत्र’ पर कड़ी आपत्ति है, उन्होंने कहा कि इसका नाम ‘माफीनामा’ रखा जाना चाहिए।