वास्तुशास्त्र में घर के बाथरुम का विशेष महत्व रखता है,जानें पूरी खबर..
वास्तुशास्त्र में घर के निर्माण के साथ ही घर में बनेे बाथरुम का भी विशेष महत्व होता है। अगर घर का निर्माण वास्तु शास्त्र के अनुसार हुआ हो तो हर सफलता घर के सदस्यों के कदम चूमती है, वहीं अगर घर का निर्माण वास्तु शास्त्र के अनुसार न हुआ हो तो घर में रहने वाले लोगों के लिए तमाम तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है।
बता दें कि बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखना बेहद लाभकारी है। इसे रखने से सुख-शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है। बाल्टी को कभी खाली नहीं छोड़ना चाहिए, इसे थोड़ा भरा रहने देना चाहिए।घर का बाथरूम दिखने में तो साधारण लगता है, लेकिन इसमें भी कई दोष उत्पन्न होते हैं, जो जीवन पर शुभ-अशुभ प्रभाव डालते हैं। अगर इस ओर ध्यान न दिया जाए,तो जीवन में परेशानियां आती रहती हैं।
मां के खिलाफ बेटे ने रची साजिश, अश्लील तस्वीर खींचकर किया ब्लैकमेल
बाथरूम घर का एक जरूरी हिस्सा होता है। इस स्थान का संबंध आपके धन लाभ से भी है। वास्तुशास्त्र के मुताबिक, बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखना बेहद लाभकारी है। इससे सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। बाल्टी को खाली नहीं छोड़ना चाहिए, उसमें हमेशा थोड़ा पानी भरा होना चाहिए। ऐसा करने से धन आगमन बना रहता है।
स्नानघर के दरवाजे के ठीक सामने दर्पण नहीं लगा होना चाहिए, ये अशुभ प्रभाव को बढ़ाता है। जब भी आप स्नानघर का दरवाजा खोलते हैं, तो घर की नकारात्मक ऊर्जा दर्पण से टकराकर दोबारा घर में चली जाती है। देखा जाता है कि हम स्नानघर का प्रयोग करने के बाद उसका दरवाजा खुला छोड़ देते हैं। खुले दरवाजे को शुभ नहीं माना जाता। यह नकारात्मक ऊर्जा को खींचने का काम करता है।
अगर आपके बेडरूम में स्नानघर या शौचालय है, तो उसका दरवाजा हमेशा बंद रखें। वास्तु की मानें, तो बेडरूम और बाथरूम में दो अलग-अलग तरह की ऊर्जाएं होती हैं और इनका आपस में टकराना अच्छा नहीं माना जाता। इसका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
1.टॉयलेट हमेशा ईशान कोण को छोड़कर कहीं भी बनाया जा सकता है। ईशान कोण में टॉयलेट बनाने से स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां और आर्थिक कष्ट होने की सम्भावना रहती है।
2. टॉयलेट से निकलने वाला गंदा पानी उत्तर या पूर्व दिशा से निकलना शुभ होता है।
3. बाथरूम का निर्माण दक्षिण और पश्चिम दिशा के मध्य करवाना चाहिए।
4. बाथरूम में पानी का नल व शावर उत्तर या पूर्व दिशा में लगाएं।