RTI से बड़ा खुलासा, रेलवे के महाप्रबंधकों ने बड़े पैमाने पर कराई है अवैध नियुक्तियां
लखनऊ। भारतीय रेल के महाप्रबंधक जैसे उच्च स्तर के अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध नियुक्तियां करने का मामला प्रकाश में आया है। लखनऊ के आरटीआई कार्यकर्ता संजय शर्मा ने रविवार को बताया कि उन्होंने पिछले साल मई में उत्तर रेलवे के प्रधान कार्यालय, बड़ौदा हाउस, नयी दिल्ली में एक आरटीआई दायर कर महाप्रबंधक कोटे के तहत की गई भर्तियों के संबंध में सूचना मांगी थी।
बड़ौदा हाउस दिल्ली के रमन कुमार शर्मा ने संजय को लिखकर बताया कि भारतीय रेल ने साल 2010 में जारी हुए आदेश के आधार पर 2 वर्ष पूर्व साल 2008 में ही एक महाप्रबंधक विवेक सहाय ने अपने कोटे से 116 नियुक्तियां एवं एक अन्य महाप्रबंधक एस.के. बुडलाकोटी ने लगभग 6 माह पूर्व मार्च, 2010 में अपने कोटे से 30 भर्तियां की थीं।
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संजय का कहना है कि बाद में जारी होने वाले आदेश के आधार पर पूर्व में ही होने वाली ये नियुक्तियां स्पष्टतया अवैध नियुक्तियां थीं। इसलिए भारतीय रेल के महाप्रबंधक कोटे की इन अवैध नियुक्तियों की बात सामने आने पर उन्होंने बीते जनवरी माह में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं पदेन प्रमुख सचिव ए.के. मित्तल और डीओपीटी के निदेशक को पत्र लिखकर विभागीय और विधिक कार्रवाई की मांग की।
डीओपीटी ने यह पत्र रेलवे बोर्ड के सचिव को भेज दिया था। संजय द्वारा अपने इन पत्रों पर कार्यवाही के संबंध में सूचना मांगे जाने पर रेलवे के प्रधान कार्यालय ने संजय को बताया कि उनके द्वारा की गई शिकायत की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है।
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रेलवे के प्रधान कार्यालय की सीमा वी. वर्मा पर अवैध नियुक्तियों की सीबीआई जांच की प्रचलित प्रक्रिया में सही पक्ष न रखकर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखने का आरोप लगाते हुए संजय ने रेलमंत्री को पत्र लिखने के साथ-साथ सीबीआई के निदेशक को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि प्रचलित जांच में उनको पक्षकार बनाकर प्रकरण की जांच में रेलवे के सभी रिकॉर्ड को समाहित कर समग्र जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए।
संजय ने बताया कि जरूरत हुई तो वह इस मामले के दोषियों को दंडित कराने के लिए उच्च न्यायालय जाएंगे।