रमजान 2020: क्यों और कैसे मनाते हैं रमजान, नहीं करना होता है ये सब…
लॉकडाउन के बीच इस वक्त त्यौहारों के आने से कुछ लोग खुश भी हैं तो कुछ मायूस हैं. कुछ दिन पहले ही हींदुओं का पर्व नवरात्र निकलकर गया और अब मुस्लिम त्यौहार रमजान आने वाला है. 30 दिन चलने वाला रमजान का महीना पाक महीना माना जाता है. आपको बता दें कि इस्लाम धर्म में रमजान का महीना सबसे पवित्र महीना कहा जाता है और इस्लाम कैलेंडर के अनुसार हर साल नौवां महीना, रमजान का महीना होता है. रमजान के महीने में मुस्लिम लोग रोजा रखते हैं और इसे बहुत कठिन माना जाता है.
दरअसल इस रोजे के दौरान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कुछ भी खाने-पीने की मनाही होती है. इसी के साथ कहा जाता है रमजान में बुरी आदतों से भी दूर रहा जाता है. आप सभी को बता दें कि मुसलमान लोग, रमजान के महीने में अल्लाह को उनकी नेमत के लिए शुक्रिया करते हैं और महीने भर रोजे के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल फितर मनाया जाता है. रमजान के इस पाक महीने की शुरुआत कब और कैसे हुई, क्या है इसका इतिहास आज हम आपको उसके बारे में बताने जा रहे हैं.
जब मोहम्मद साहब को हुआ पवित्र कुरान का ज्ञान – कहते है कि साल 610 में मोहम्मद साहब को लेयलत उल-कद्र के मौके पर पवित्र कुराना शरीफ का ज्ञान प्राप्त हुआ था और तभी से रमजान को मनाने की परंपरा शुरू हुई. कहते हैं उसी समय से मुस्लिम समुदाय के लिए ये रमजान का महीना पाक महीना हो गया और इस पवित्र महीने में मुसलमानों को कुछ खास सावधानियां बरतने के बारे में कहा जाता है.
ना आए मन में गलत विचार – आप सभी को बता दें कि रमजान के पाक महीने में मुसलिम समुदाय बहुत सावधानी से रोजा रखना होता है. कहते हैं भूखे-प्यासे रहने के साथ मन में बुरे विचारों को ना आने देने के लिए भी उन्हें कहा जाता है. इसी के साथ रमजान में मुसलमान को किसी की बदनामी करने, लालच करने, झूठ बोलने और झूठी कसम खाने से भी बचना चाहिए, ऐसा कहा जाता है. वैसे आपको बता दें कि इस बार रमजान का ये पाक महीना 23/24 अप्रैल से शुरू होने वाला है.