
यूपी में योगी सरकार अपराधियों के प्रति अपना कड़ा रवैया बीते 4 सालों से अख्तियार किए हुए है। योगी राज में इसी सख्ती के तहत बीते 4 सालों में प्रदेश की पुलिस ने 135 अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया है। जबकि इस दौरान 13 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं। बात मुठभेड़ की हो तो बीते 4 सालों में 3000 से ज्यादा अपराधी व 1000 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

सरकार का दावा है कि गत चार वर्षों में कानून व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ है और अपराधी प्रदेश छोड़कर भाग रहे हैं। अपराधियों की संपत्तियों को धरासाई करने का काम भी इन दिनों तेजी से जारी है। बीजेपी सरकार बनने के बाद सबसे पहला एनकाउंटर 27 सितंबर 2017 को मंसूर पहलवान का हुआ था। मंसूर 50 हजार का इनामी बदमाश था। जबकि अभी तक का यूपी पुलिस द्वारा किया गया आखिरी एनकाउंटर इसी साल 2021 में मोती नाम के बदमाश का है। मोती को कासगंज में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया है उस पर 1 लाख का इनाम था।
यूपी पुलिस ने जिन लोगों का एनकाउंटर किया उसमें कानपुर के विकास दुबे का नाम भी शामिल है। विकास दुबे के ऊपर 5 लाख का इनाम घोषित था। वहीं जिन बदमाशों को मारा गया है उसमें ढाई लाख के ऊपर के 3 इनामी बदमाश है। जबकि 2 लाख के पुरस्कार घोषित अपराधियों की संख्या 2, डेढ़ लाख के इनाम पर बदमाशों की संख्या 3 और 1 लाख के इनाम वाले अपराधियों की संख्या 18 है। 75 हजार के इनामी अपराधी की 1 और मुठभेड़ में सबसे ज्यादा मारे गये अपराधी 50 हजार के इनामी हैं। ऐसे अपराधियों की संख्या 46 है।