
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया की कोशिशें रंग ला रही हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 28 किलोमीटर दूर माल ब्लॉक के लतीफपुर गाँव की सूरत जल्द बदलने वाली है। इसका पूरा श्रेय वहां की महिला प्रधान श्वेता सिंह को जाता है, इसके लिए उन्हें उत्तर प्रदेश सरकर की ओर से रानी लक्ष्मी बाई अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। हाल ही में जब सीएम अखिलेश को डॉ श्वेता ने अपनी गांव की पिछले एक साल की प्रोग्रेस रिपोर्ट दिखाई तो वो भी हैरान रह गए।
दरअसल डॉ श्वेता सिंह वाराणसी की हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कर्मभूमि रही है। नोटबन्दी के बाद माल ब्लॉक का लतीफपुर गांव डिजिटल होने की संख्या में अव्वल नम्बर पर है। डॉ श्वेता सिंह बताती हैं कि उत्तर प्रदेश के लगभग 19 गांव डिजिटल होने के लिए चुने गए हैं, इसमें लतीफपुर को सबसे अधिक बजट मिला है। महिला प्रधान डॉ श्वेता सिंह का ये सपना साकार करने में मदद की उनके पति और गांव के ग्राम पंचायत के सलाहकार डॉ अखिलेश सिंह ने, वो लगातार इस प्रोजेक्ट से जुड़े रहें।
डॉ अखिलेश ने समाजशास्त्र में पीएचडी की उपाधि हासिल की है और अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने रिसर्च किया और पाया की सरकारी योजनाओं से महिला शक्तिकरण कैसे सम्भव हो सकता है। तब एक डिजिटल प्लान तैयार कर, एक ऐसे गांव की परिकल्पना की गई जहाँ सारी चीजें इन्टरनेट पर हों और विश्व भर में कहीं भी बैठे लोग ये जान सके कि कौन सी सड़क लतीफपुर को जाती है।।। इसके लिए सबसे पहले मौजूदा स्कीम का डाटा डिजिटल किया गया।
इसके मुताबिक- 1600 परिवार का गांव है लतीफपुर 198 लोग उठा रहे पेंशन योजनाओ का लाभ 80 प्रतिशत लोग हैं राशन कार्ड धारक सारी समस्याएं ऑनलाइन होती हैं दूर डॉ अखिलेश के मुताबिक लतीफपुर पहली ऐसी ग्राम पंचायत है जिसके पास खुद का इन्टरनेट कनेक्शन है जो 21.1 एमबीपीएस स्पीड पर चलता है।।
इतना ही नही यहां समस्याएं सुलझाने के लिए ‘डिजिटल लतीफपुर’ नाम से एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है जिसमें गांव के लगभग 112 लोग जुड़े हैं, इसमें गांव के लेखपाल, पंचायत सेक्रेट्री, और प्रधान समेत गांव के वो सभी लोग हैं जिनके पास स्मार्टफोन हैं।।। गांव के लोग परेशानियों को वॉइस मेसेज या विडियो बनाकर इस ग्रुप में भेज देते हैं जिससे उनकी परेशानी जल्द से जल्द सॉल्व की जाती है।
गाँव में डोरस्टेप बैंकिंग की भी सुविधा शुरू की गई है, इसके तहत खुद बैंक कर्मचारी घर पहुंचते हैं और जरूरतमंद से अंगूठा लगवाकर पैसे देते हैं।।। सभी सरकारी काम पेपरलेस हो चुके हैं। इसके अलावा आने वाले समय में कई और भी चीजें होंगी जिससे ये गांव पूणतया डिजिटल होगा।