मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, कहा- जम्मू कश्मीर में ऑल इज वेल
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में भारत विरोधी नारे लगाने, नौजवानों को पत्थरबाजी और विरोध प्रदर्शन के लिए उकसाने में वहां की मस्जिदों की भूमिका सबसे अहम है। यह बात आज भारत के गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में जमा की गई अपनी रिपोर्ट में कही है। मंत्रालय ने कोर्ट से कहा कि आतंकी बुरहान वानी की मुठभेड़ में मौत के बाद घाटी में हिंसा भड़काने में सोशल मीडिया का भी अहम रूप से इस्तेमाल किया गया है।
मोदी सरकार ने दी रिपोर्ट
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को यह रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अदालत में पेश की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, घाटी में हुई हिंसा में 42 आम नागरिकों और दो सुरक्षा बलों की मौत हुई है। वहीं नौ जुलाई से दो अगस्त के बीच 2650 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घायलों में 470 को मेजर सर्जरी कराने की जरूरत पड़ी।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते केंद्र सरकार से आठ जुलाई को बुरहानी वानी और दो अन्य आतंकियों के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा के बाद कश्मीर के ताजा जमीनी हालात पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। ये रिपोर्ट कश्मीर में हुई हिंसा पर सरकार का पहला आधिकारिक बयान है। सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने रिपोर्ट के मौजूं हिस्सों को अदालत में पढ़कर सुनाया। उन्होंने अदालत से कहा कि अब स्थिति नियंत्रण में है।